“ईद पर न करें कुर्बानी…” इस मुस्लिम देश के किंग ने की अपील, जानें वजह

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Morocco: मुस्लिम देश मोरक्को में जहां 99 फीसदी आबादी मुस्लिम है, वहां इस साल ईद-उल-अजहा पर भेड़ की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह 29 साल में पहली बार हो रहा है जब कुर्बानी पर रोक लगाई गई है. दरअसल मोरक्‍को में ईद उल-अजहा के दौरान भेड़ों की कुर्बानी एक लंबी परंपरा है, लेकिन इस बार यह परंपरा सूखा और महंगाई के वजह से टूटती दिख रही है. मोरक्को के किंग मोहम्मद VI ने इस वर्ष ईद उल-अजहा (बकरीद) पर लोगों से कुर्बानी न करने की अपील की है. महंगाई के वजह से कामकाजी वर्ग के लिए भेड़ खरीदना अब मुश्किल हो गया है.

पशुओं के लिए चारे की मुश्किल

सूखा और महंगाई के कारण पिछले वर्ष 55 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि वे भेड़ खरीदने के लिए उधारी या कर्ज का सहारा लेते हैं. मोरक्को के कृषि मंत्री का भी मानना है कि इस वर्ष बारिश का स्‍तर पिछले 30 वर्षों के औसत से 53 प्रतिशत कम रहा है, जिससे पशुधन की संख्या में भी 38 प्रतिशत की कमी आई है. इस साल भेड़ों की कीमत इतनी बढ़ गई है कि एक सामान्य घरेलू भेड़ की कीमत कई परिवारों की मासिक आय के बराबर हो सकती है. इसके बावजूद सरकार ने आयातित भेड़ों पर कोई शुल्क नहीं लिया और 1 लाख भेड़ों का आयात करने की योजना बनाई है.

कुर्बानी का त्यौहार है ईद अल अजहा

ईद उल-अजहा, जो इस साल जून के पहले हफ्ते में मनाया जाएगा, मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक बड़ा कुर्बानी का त्योहार है. इस दिन मुसलमान जानवरों की कुर्बानी देते हैं, जैसा कि क़ुरान में पैगंबर इब्राहीम की कहानी में बताया गया है.

जब इब्राहीम ने अपने बेटे को अल्लाह की हुक्म की तामील के लिए कुर्बान करने का इरादा किया था, तो अल्लाह ने बेटे की जगह एक भेड़ भेज दी. यह पर्व दुनियाभर में, सेनेगल से लेकर इंडोनेशिया तक, पूरे उत्‍साह के साथ मनाया जाता है. इस परंपरा में इतनी गहरी पैठ है कि कई परिवार भेड़ खरीदने के लिए कर्ज लेने तक को राजी रहते हैं.

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