Mpox: इस देश में तेजी से बढ़ रहे Mpox के मरीज, एक हफ्ते में हजार से ज्यादा संक्रमित

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Mpox Spreading in Africa: अफ्रीका में इस समय मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अफ्रीकी देश कांगो की बात करें तो यहां पर विगत एक हफ्ते के अंदर एक हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. बढ़ते एमपॉक्स के मामलों ने अन्य लोगों के दहशत मेंं डाल दिया है. अब एमपॉक्स के मामले विश्व के अन्य कई देशों में भी देखने को मिल रहे हैं.

दरअसल, अफ्रीका में बढ़ते एमपॉक्स के मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही अफ्रीका में प्रकोप को वैश्विक आपातकाल घोषित कर चुका है. अफ्रीकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने महाद्वीप पर इसके ‘‘बढ़ते’’ खतरे से लड़ने में मदद के लिए आवश्यक टीकों की मांग की है.

आपको जानना चाहिए कि मंकीपॉक्स वायरस उसी परिवार से संबंधित है, जिन वायरस से चेचक होता है. हालांकि, मंकीपॉक्स से जूझ रहे मरीज को बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द जैसे हल्के लक्षण से सामना करना पड़ता है. विशेषज्ञों का कहना है कि एमपॉक्स अधिकांशतः यौन संबंध सहित त्वचा के नजदीकी संपर्क से फैलता है. कई मामलों में लोगों के चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर फोड़े होते हैं.

अफ्रीका के 54 देशों में से 12 देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं. वहीं, कांगो में इस साल अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि इस साल (2024) में अब तक 18,910 मामलों में से 94 प्रतिशत यानी 17,794 मामले अकेले कांगो में सामने आए हैं. अधिकारियों के अनुसार इस बीमारी के कारण करीब 541 लोगों की मौत हुई है. जिसमें केवल कांगो में 535 लोगों की मौत हुई है.

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि पिछले सात दिनों में अफ्रीका में 1,405 नए मामलों में से 1,030 मामले कांगो में दर्ज किए गए. अफ्रीका में  तेजी से बढ़ते एमपॉक्स के मामलों के कारण लोगों में डर समा गया है. तेजी से फैलते इस वायरस वाले रोग को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया था.

अफ्रीकी अधिकारियों का कहना है कि उनके संगठन से यूरोपीय संघ और टीका निर्माता कंपनी बवेरियन नॉर्डिक से मंकीपॉक्स रोधी टीके की 215,000 खुराक मुहैया कराने का वादा किया है. जिससे एमपॉक्स जैसी बीमारियों से आसानी से निपटा जा सके. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका की सहायता एजेंसी ने कहा कि उसने कांगो को टीके की 50,000 खुराक दान की है. वहीं, जापान ने भी कांगो को टीकी की कुछ खुराकें दान की है. हालांकि, जितनी दान मिली है, उससे ज्यादा टीकों की आवश्यकता अफ्रीका को है.

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