Tahawwur Rana: मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए अंतिम कोशिश की है. उसके वकील जोशुआ एल. ड्रेटल ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. दायर अपील में तर्क दिया गया है कि प्रत्यर्पण ‘दोहरे खतरे के सिद्धांत’ का उल्लंघन होगा, जो एक ही अपराध के लिए दो बार मुकदमा चलाने से बचाता है. इस मामले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट 17 जनवरी को सुनवाई करेगी.
शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर
लंबी कानूनी लड़ाई हारने के बाद, तहव्वुर राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय से राणा की याचिका को खारिज करने की अपील की. राणा के वकील ने 23 दिसंबर को अपने जवाब में अमेरिकी सरकार की सिफारिश को चुनौती दी. उसने शीर्ष अदालत से याचिका स्वीकारने की अपील की.
डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा रहा है राणा
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक और वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद तहव्वुर राणा पर 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली से जुड़े होने का आरोप है. जानकारी दें कि 26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था. उन्होंने दो पांच सितार होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था. इस हमलों में 9 आतंकियों सहित 175 लोगों की मौत हुई थी.
हमले में शामिल एक आतंकी को हुई थी फांसी
हमले में शामिल एक आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसे 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया. मुंबई पर हमले की साजिश पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद ने रची थी. बीते दिसम्बर में ही हमले के एक प्रमुख साजिशकर्ता अब्दुल रहमान मक्की की हार्टअटैक से मौत हो गई.
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