Myanmar Civil War: चीनी सेना ने म्यांमार की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है. चीन ने सीमा पर यह तैनाती ऐसे समय मे की है जब म्यांमार में गृह युद्ध के चलते वहां के हालात गंभीर है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं बांग्लादेश की तरह ही म्यांमार में भी तख्तापलट ना हो जाए.
पीएलए (People’s Liberation Army ) ने बताया कि उसने सेना की टुकड़ियों और ज्वाइंट ग्राउंड पुलिस गश्ती दल को साउथवेस्ट यून्नान में तैनात कर दिया है. चीनी मीडिया के मुताबिक, सेना रुईली और झेनकांग इलाके पर पहुंची हुई है जिनका मकसद तेजी से सेना की तैनाती की क्षमता को बढ़ान, त्रिकोणीय घेराबंदी करना और मुख्य रूप से लड़ाई की ट्रेनिंग करना है.
चीनी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा म्यांमार की हालत
चीन का मानना है कि इस ट्रेनिंग से देश की सीमाई इलाके में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहेगी. दरअसल, म्यांमार में कई महीनों से चल रहे गृहयुद्ध के कारण देश में सत्ता पर बैठी सेना को देश के एक बड़े इलाके को गवना पड़ा. यही वजह है कि पीएलए को म्यांमार की हालत का चीन की सिक्योरिटी के लिए भी बड़ा खतरा बनने की चिंता सता रही है.
म्यांमार से गुजरता है हिंद महासागर का रास्ता
बता दें कि हिंद महासागर में दाखिल होने का रास्ता म्यांमार से होकर गुजरता है, जहां की अस्थिरता चीन के लिए सिरदर्द बनी हुई है. म्यांमार में जारी गृह युद्ध का बॉर्डर के इलाको पर भी खतरा बना हुआ है, जिससे वहां भी अस्थिरता का माहौल है.
सेना-विद्रोहियों को हथियार सप्लाई कर रहा चीन?
दरअसल, चीन मलक्का स्ट्रेट चोक प्वाइंट से अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और इसके लिए ही वो म्यांमार के रास्ते हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है, जिससे आसानी से तेल का आयात किया जा सके. हालांकि इससे पहले भी चीन ने यह कोशिश की थी कि विद्रोहियों और सेना के बीच समझौता कर के विवाद को खत्म कर दिया जाए.
चीन का कहना था कि वह देश में स्थिरता लाना चाहता है. जबकि कई जानकारों का कहना है कि चीन विद्रोहियों और सेना दोनों को हथियार सप्लाई कर रहा है, जिसके चलते म्यांमार में हिंसा विकराल रूप ले रही है. हालांकि अमेरिका भी इस इलाके में चल रही गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर बनाएं हुए है.
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