Myanmar Civil War: म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध में पिछले कुछ महिनों से सत्तारूढ़ सेना जुंटा को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में विद्रोही गुट अब ‘ऑपरेशन 102’ चला रहे हैं, जिसके अंतर्गत उन्होंने म्यांमार के सभी विदेशी व्यापार मार्गों, सैकड़ों सैन्य अड्डों पर कब्जा कर लिया है. इय स्थिति में म्यांमार के लोगों को भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
वहीं, म्यांमार में चल रहे इस गृह युद्ध के दौरान चीन अपनी पकड़ मजबूत करने में लगा है. दरअसल, चीन म्यांमार में सत्तारूढ़ जुंटा सेना और विद्रोही दोनों को हथियार की सप्लाई कर रहा है. जबकि भारत सैन्य जुंटा को मदद दे रहा है. हालांकि इस मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर खुलकर सामने आए हैं.
एस जयशंकर ने थान श्वे से की मुलाकात
बता दें कि बुधवार को नई दिल्ली में एस जयशंकर ने म्यांमार के डिप्टी पीएम थान श्वे से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने म्यांमार में जारी भारी हिंसा और अस्थिरता पर गहरी चिंता जाहिर करने के साथ ही भारत में म्यांमार से हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर थान श्वे को आगाह किया.
एस जयशंकर ने म्यांमार के डिप्टी पीएम से कहा–
एस जयशंकर ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “म्यांमार के डिप्टी पीएम यू थान श्वे आज मुलाकात हुई. इस दौरान म्यांमार में जारी हिंसा और अस्थिरता के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए भारत म्यांमार के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. मैंने थान श्वे को अवैध मादक पदार्थ, हथियार और मानव तस्करी को लेकर आगाह करने के साथ ही म्यावाडी में फंसे भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी के लिए सहयोग की भी मांग की.
उन्होंने आगे लिखा कि म्यांमार में चल रही भारत की परियोजनाओं के लिए भी हमने सुरक्षा की मांग की है. साथ ही हमने म्यांमार को सैन्य शासन से हटकर लोकतांत्रिक परिवर्तन के रास्ते पर आने का आग्रह किया. भारत म्यांमार को हर तरह की संभव मदद करने के लिए तैयार है.
म्यांमार में चीन सक्रिय
म्यांमार के विद्रोही गुट अब भारत की सीमा से सटे इलाकों में हिंसा करने लगे हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं ऐसी भी कुछ खबरें सामने आई है कि म्यांमार का एक हथियारबंद गुट मणिपुर में हथियारों की तस्करी कर रहा है. साथ ही म्यांमार से भी ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहा है. ये लोग नौकरी का लालच देकर भारत के लोगों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं और साइबर फ्रॉड करवा रहे हैं.
इन्हीं भारतीयों को विद्रोही गुटों से छुड़ाने के लिए एस जयशंकर ने मदद की अपील की है. हालांकि भारत इस समय ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा रहा है, जिससे चीन को लाभ हो, क्योंकि इस वक्त वो म्यांमार में काफी एक्टिव है.
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