NASA: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा को मंगल ग्रह पर एक ऐसी चीज मिली है, जो किसी खजाने से कम नहीं है. इसे देखकर नासा के वैज्ञानिक भी हैरान है. दरअसल मंगल ग्रह की एक चट्टान में पीला खजाना मिला है. नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने अनजाने में चट्टान को तोड़ दिया था. नासा का 899 किलोग्राम के रोवर का पहिया जब एक चट्टान पर पड़ा तो वह टूट गया. जिसमें रोवर के कैमरों ने शुद्ध सल्फर के क्रिस्टल को देखा. पीले रंग (सल्फर) के ये क्रिस्टल काफी चमक रहे है. ऐसा पहली बार है जब लाल ग्रह पर सल्फर अपने शुद्ध रूप में मिला है.
बता दें कि लाल ग्रह यानी मंगल पर सल्फर मिलना आम बात है, लेकिन शुद्ध रूप से पहली बार मिला है. वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी बात इस चट्टान का गेडिज वालिस चैनल में पाया गया है. यह एरिया उन चट्टानों से भरा है, जहां संदिग्ध रूप से सल्फर भरे होने की संभावना है. यह खोज सुझाव देती है कि कुछ स्थानों पर मौलिक सल्फर प्रचुर मात्रा में हो सकता है.
क्या बोले वैज्ञानिक?
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के क्यूरियोसिटी परियोजना वैज्ञानिक अश्विन वासवदा ने कहा कि शुद्ध सल्फर से बने पत्थरों का इलाका ढूंढना रेगिस्तान में पानी खोजने के बराबर है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, इसलिए अब हमें इसे समझने की जरूरत है. साइंस अलर्ट डॉट कॉम के अनुसार, सल्फेट तब बनते हैं जब सल्फर पानी में अन्य खनिजों के साथ मिलता है और फिर वाष्पित हो जाता है. इससे सल्फेट खनिज पीछे रह जाते हैं. ये खनिज लाल ग्रह के इतिहास में खासतौर से इसके पानी वाले इतिहास और समय के साथ इसके मौसम के बारे में अनमोल जानकारी दे सकते हैं.
रहस्यों से भरा है मंगल
मंगल पर मिले सल्फर क्रिस्टल से मालूम होता है कि लाल ग्रह पर बहुत कुछ ऐसा है, जिसके बारे में कोई अनुमान नहीं है. यह समझना आवश्यक है कि सभी जीवन के लिए सल्फर जरूरी तत्व है. हालांकि मंगल पर सल्फर का पाया जाना यह नहीं बताता कि यहां जीवन संभव है. क्यूरियोसिटी ने अपने उपकरणों से चट्टानों का विश्लेषण किया. अगर रोवर इस रास्ते पर नहीं जाता तो कभी इतनी बड़ी खोज न हो पाती. बता दें कि काफी समय से ही नासा के वैज्ञानिकों का मंगल ग्रह पर शोध जारी है. वहीं शुद्ध सल्फर का मिलना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है.
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