दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम होगा ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’, भारत और फ्रांस के बीच समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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National Museum: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय और ‘फ्रांस म्यूजियम डेवलपमेंट’ ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत फ्रांसीसी एजेंसी ब्रिटिशकालीन स्थलों को ‘‘वैश्विक सांस्कृतिक स्थल’’ में बदलने के लिए तौर-तरीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेगी, जिसे युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय नाम दिया गया है.

इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि जब ‘नॉर्थ ब्लॉक’ और ‘साउथ ब्लॉक’ परिकल्पना के अनुसार भव्य संग्रहालय बन जाएंगे, तो ‘‘हम वास्तव में भारत के पुनर्निर्माण के लिए प्रेरणा देखेंगे.’’इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भारत में फ्रांसीसी राजदूत थिएरी मथौ और केंद्रीय संस्कृति सचिव अरुणीश चावला भी मंच पर मौजूद रहें.

1.17 लाख वर्ग मीटर होगा क्षेत्रफल

सूत्रों के मुताबिक, आगामी युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय में आठ विषयगत खंड होंगे, जो 5,000 वर्षों से अधिक समय की भारत की कहानी बताएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा. हालांकि इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि नया संग्रहालय देश की राजधानी के मध्य में ‘नॉर्थ ब्लॉक’ और ‘साउथ ब्लॉक’ में स्थित होगा, जिसका क्षेत्रफल 1.17 लाख वर्ग मीटर होगा तथा इसमें बेसमेंट और तीन मंजिलों पर 950 कमरे होंगे.

भारत के पुनर्निर्माण के लिए एक प्रेरणा

एस जयशंकर ने कहा कि मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि हम आज यहां राष्ट्रीय महत्व की महान परियोजना के लिए एकत्र हुए हैं… मेरा मंत्रालय इसी में स्थित है. उन्‍होंने कहा कि जब ‘साउथ ब्लॉक’ और ‘नॉर्थ ब्लॉक’ उस तरह के संग्रहालय बन जाएंगे, जिसकी परिकल्पना की गई है, तो मुझे लगता है कि हम वास्तव में भारत के पुनर्निर्माण के लिए एक प्रेरणा देखेंगे.’’

बता दें कि वर्तमान में विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ‘साउथ ब्लॉक’ में स्थित हैं, जबकि वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय ‘नॉर्थ ब्लॉक’ में स्थित हैं. दरअसल, राष्ट्रपति भवन के साथ रायसीना हिल पर स्थित दो समान ब्लॉक राजधानी नयी दिल्ली के हिस्से के रूप में बनाए गए थे.  इसे 1911-1931 के बीच सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था.

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