रूस-चीन के बीच गहराते रिश्तों पर NATO ने जताई चिंता, बीजिंग के खिलाफ कही बड़ी बात

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

NATO Summit: यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूस और चीन की बढ़ती नजदीकियों से नाटो बौखला गया है. मास्‍को-यूक्रेन संघर्ष के बीच उत्‍तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो देश क्रेमलिन के खिलाफ जेलेंस्की की मदद कर रहे हैं. वहीं बीजिंग पर लगातार रूस को हथियारों की मदद पहुंचाने का आरोप भी लगता रहा है. रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों पर नाटो ने गहरी चिंता जाहिर की.

रूस और चीन के बीच गहराते रिश्‍ते चिंता का विषय

वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में नाटो ने कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की महत्वाकांक्षाएं और आक्रामक नीतियां लगातार हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती दे रही हैं. रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी और नियम-आधारित इंटरनेशनल व्यवस्था को कमजोर करने और नया आकार देने के दोनों देशों के प्रयास गंभीर चिंता का विषय हैं.

इस समिट में शामिल राष्ट्राध्यक्षों और शासन प्रमुखों की घोषणापत्र में कहा गया है कि हम सरकार में शामिल और उनसे इतर तत्वों से साइबर, हाइब्रिड, अंतरिक्ष और अन्य खतरों तथा दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में सभी देशों को बीजिंग से सावधान रहना है.

नाटो ने किया ये ऐलान

नाटो ने अपने मेनिफेस्‍टो में कहा है कि रूस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष खतरा है. इसमें ये भी कहा गया है कि आतंकवाद, अपने सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समृद्धि के लिए सबसे प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है. हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं, वे ग्‍लोबल और आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए सतर्कता के साथ नाटो ने बीजिंग सहित अन्य के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा तंत्र को मजबूत करने, रूस से लड़ाई में यूक्रेन को लंबे समय तक समर्थन बढ़ाने और नाटो के सदस्य देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए कदम उठाए जाने पर जोर दिया है.

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