NATO Nuclear Weapons : 24 साल बाद कोई रूसी राष्ट्रपति नॉर्थ कोरिया की यात्रा पर जा रहे हैं. ऐसे में रूस और चीन की ओर से बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) ने सदस्य देशों को परमाणु हथियारों को तैयार रखने को कहा है. NATO के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा ने कहा कि परमाणु हथियारों को शस्त्रागार से बाहर निकालने और उन्हें स्टैंडबाय पर रखने के लिए बातचीत की जा रही है.
ब्रिटेन के मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NATO प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि सदस्यों के बीच अपने परमाणु शस्त्रागार का इस्तेमाल प्रतिरोध के रूप में करने के लिए बातचीत हुई है. ऐसे में यह दुश्मन को सीधा संदेश देता है कि हम निश्चित रूप से एक परमाणु गठबंधन हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब तक हमारे पास परमाणु हथियार मौजूद हैं, हम एक परमाणु गठबंधन बने रहेंगे.
रूस ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, NATO प्रमुख के इस बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रूस ने टिप्पणी को तनाव बढ़ाने वाला बताया है. दरअसल, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि NATO की ये टिप्पणियां स्विट्जरलैंड सम्मेलन में जारी की विज्ञप्ति के विपरीत प्रतीत होती हैं, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन के संदर्भ में परमाणु हथियारों का कोई भी खतरा या उपयोग स्वीकार्य नहीं होगा. वहीं, रूस और चीन के खतरे को लेकर नाटो ने कहा कि एक ऐसी दुनिया जहां रूस, चीन और उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन नाटो के पास नहीं है.
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने दिया जवाब
रूस के आरोपों का जवाब देते हुए जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि क्रेमलिन भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है. वह हमेशा ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश करता है, जिसमें वह नाटो को दोषी ठहरा सके, लेकिन असलियत ये है कि नाटो पारदर्शी है. बता दें कि रूस ने आरोप लगाया कि अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को हथियार देकर दुनिया को परमाणु हमले की तरफ धकेल रहे हैं. जबकि इससे पहले कई बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन परमाणु हमले की धमकी दे चुके है.
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