NATO Summit: चीन ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) पर दूसरों देशों के बहाने सुरक्षा की मांग करने का आरोप लगाया है. चीन ने संगठन से कहा कि वह एशियाई देशों के बीच ‘अराजकता’ न फैलाए. दरअसल, चीन का यह बयान उस वक्त सामने आया जब हाल ही में नाटो ने कहा है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में चीन रूस का साथ दे रहा है.
इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि “नाटो की ओर से यूक्रेन मुद्दे पर चीन की जिम्मेदारी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना ठीक नहीं है. नाटों का इसके पीछे नापाक इरादे छिपे हुए हैं. यूक्रेन मुद्दे पर चीन का रुख निष्पक्ष है.
चीन का रूस के साथ बढ़ा व्यापार
यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन ने अमेरिका और यूरोपीय देशों से अलग रूख अपनाया है. दरअसल, रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे हमले की निंदा करने से चीन ने इनकार कर दिया है. इतना ही नहीं हमले के बाद से चीन का रूस के साथ व्यापार भी बढ़ा है, इसने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के प्रभाव को आंशिक रूप से कम किया है.
वॉशिंगटन में नाटो का शिखर सम्मेलन
अमेरिका के वॉशिंगटन में जो बाइडेन की मेजबानी में नाटो का शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है. इस दौरान नाटो ने एक प्रेस रिलीज कर कहा कि रूस के साथ अपनी ‘no-limits partnership’ और रूस को डिफेंस इंडस्ट्रियल के आधार के लिए समर्थन करके चीन जंग को बढ़ावा दे रहा है.
चीन की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप ना करे नाटो
लिन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम नाटो से आग्रह कर रहे है कि वह चीन की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करना और चीन की छवि को धूमिल करना बंद करे. इसके साथ ही यूरोप में अशांति पैदा करने के बाद एशिया में अराजकता न फैलाए.
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