Nepal Floods: नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ से हालात काफी खराब हैं. बारिश ने नेपाल के अधिकतर इलाकों में तबाही मचाई है. वहीं, नारायणी नदी तो अपने चरम उफान पर है. नदी के तटीय इलाकों में बसे सभी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. ऐसा लग रहा है जैसे नदियों के बीच में गांव में बसे हैं. बाढ़ के कारण लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं. वहीं, भूस्खलन और बाढ़ के कारण आकाशीय बिजली गिरने से अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ ने मचाया हाहाकार
बाढ़ ने नेपाल के अधिकत इलाकों में तबाही मचाई है. नेपाल की सड़कें पानी के तेज बहाव के कारण ध्वस्त हो गई हैं. पूरे नेपाल में 45 सड़कों पर आवागमन बाधित है. नेपाल के तनहू जिले के सिग्दी खोला में तेज बहाव में दो लोग फंस गए, जिन्हें नेपाल आर्मी के जवान ने रस्सी के सहारे रेस्क्यू कर बाहर निकाला.
नदियां उफान पर
नेपाल में नारायणी, बागमती, त्रिशूली, मेग्दी सहित अन्य नदियां भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. एहतियातन नेपाल ने सप्तकोशी बैराज के 46 फाटक को उठा दिया है. अब ये नेपाल की आफत बिहार में बाढ़ बनकर मुश्किल पैदा करेंगे.
जानिए कितने लोगों की मौत
नेपाल में मानसून की शुरुआत के साथ लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश से नेपाल के अधिकतर इलाकों में हाहाकार है. इस बारिश के कारण 62 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 90 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है.
नेपाल के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मरने वालों में भूस्खलन के कारण 34 लोगों की मौत हुई है. वहीं, 28 लोग बाढ़ में मारे गए है. इस बाढ़ और भूस्खलन के कारण 7 लोगों के लापता होने की भी खबर है. गृहमंत्रालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार आकाशीय बिजली गिरने के कारण भी कुछ लोगों की मौत हुई है.
अठारह लाख लोग प्रभावित
जानकारी दें कि काठमांडू में बागमती और बिष्णुमती नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं. आवासीय क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है. काठमांडू में बाल्खू और थापथली जैसे इलाकों में बाढ़ आ गई, जिससे लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. नेपाल में जैसे-जैसे मानसून तेज हो रहा है, वैसे ही चिंता और बढ़ती जा रही है. जानकारी के मुताबिक अब तक बारिश और बाढ़ के कारण करीब 18 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
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