Nepal: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ अपनी सरकार बचाने की कोशिश में सफल रहें. उन्होंने आज यानी सोमवार को संसद में विश्वास मत हासिल किया. बता दें कि नेपाल की सत्ता संभालने के बाद से 18 महिने के भीतर ही उनका यह चौथा विश्वास मत था. इस मतदान में कुल 158 सांसदों ने भाग लिया. दरअसल, एक गठबंधन सहयोगी जेएसपी द्वारा उनकी सरकार से समर्थन वापस लेने के कुछ दिनों बाद उन्हें विश्वास मत का सामना करना पड़ा.
Nepal: प्रचंड को समर्थन में 157 वोट
हालांकि, विश्वास मत जीतकर उन्होंने ये साबित कर दिया है कि उनके पास अभी भी सरकार चलाने के लिए पर्याप्त समर्थन है. 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में नेपाल की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी – कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के पूर्व गुरिल्ला नेता, प्रचंड को समर्थन में 157 वोट मिले. प्रचंड के विश्वास मत हासिल करने का फैसला 13 मई को उपेन्द्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी नेपाल द्वारा पार्टी में विभाजन के बाद सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद किया गया.
विपक्षी दल ने किया बहिष्कार
वहीं, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने इस विश्वास मत का बहिष्कार किया, जबकि एक एचओआर सदस्य तटस्थ रहा. इससे पहले नेपाल की जनता समाजवादी पार्टी ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद देश के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार प्रचंड को तीस दिनों के भीतर विश्वास मत जीतना था.
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