नेपाल की ‘प्रचंड’ सरकार को फिर से सिद्ध करना होगा बहुमत, दो साल में चौथी बार हासिल करना होगा विश्वासमत

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

International News: पड़ोसी देश नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के लिए कल यानी 20 मई का दिन काफी अहम रहने वाला है. प्रचंड को कल फिर से विश्वास मत हासिल करना है. ये चौथी बार है जब 2 सालों के भीतर प्रचंड के सामने बहुमत साबित करने की चुनौती आई है. हालांकि, उन्होंने दावा किया है कि वो आसानी से कल इस चुनौती में पास हो जाएंगे.

दरअसल, प्रचंड सरकार में सहयोगी कई पार्टियों ने एक के बाद एक करके अपना समर्थन वापस ले लिया. इस वजह से नेपाल सरकार को एक बार फिर से कल सदन में बहुमत सिद्ध करना होगा. इन सब के बीच प्रचंड ने भरोसा जताया है कि वह सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत जीत जाएंगे.

सहयोगी दलों ने हाथ खींचा पीछे

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार प्रचंड सरकार सहयोगी एक दल ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इसके बाद प्रचंड सरकार को विश्वासमत का सामना करना पड़ रहा है. पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पहली बार 25 दिसंबर 2022 को पहली बार अपना पद संभाला था. इसके बाद तीन बार उनको बहुमत सिद्ध करना पड़ा है. पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड (69) नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) से संबंधित हैं. यह पार्टी प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने शनिवार को काठमांडू में सत्तारूढ़ पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेरी सरकार शक्ति परीक्षण में सफल रहेगी.”

‘मतभेदों को सुलझाया जा रहा’

एक कार्यक्रम के दौरान नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा,”सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के बीच मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा.”

जानकारी दें कि प्रधानमंत्री जिस भी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहा है अगर वह विभाजित हो जाती है या फिर गठबंधन का कोई दल अपना समर्थन वापस ले लेता है, तो इस स्थिति में 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना जरूरी होता है. नेपाल में पिछले हफ्ते जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. अब फिर से सरकार को बहुमत साबित करना होगा. विश्वास मत जीतने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता है.

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