पृथ्वी के करीब वैज्ञानिकों ने खोजी एक नई दुनिया, क्या वहां रह सकते हैं इंसान? जानिए

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

New Planet Gliese 12-B: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और शुक्र के बीच और एक नई दुनिया की खोज की गई. है. पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर खोजे गए इस ग्रह को वैज्ञानिकों ने शुक्र और पृथ्‍वी के बीच बेहद दिलचस्‍प नई दुनिया करार दिया है. अब तक के खोजे गए रहने योग्य एक्सोप्लैनेट में यह पृथ्‍वी के सबसे करीब है.  नासा के TESS (ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट) के खगोलविदों की दो अंतरराष्ट्रीय टीमों ने इस नए ग्रह की खोज की है. यह आकार और वायुमंडल के मामले में हमारे पृथ्वी के जैसा ही है, अनुमान है कि इस पर जीवन संभव हो सकता है.  ऐसे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे कि क्‍या धरती की तरह इस नई दुनिया में भी इंसान और अन्य जीव रहते हैं? इस नई दुनिया का रहस्य क्या वैज्ञानिक जल्द खोलने वाले हैं? चलिए जानते है…

नई दिलचस्प दुनिया में क्या है खास

वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए इस नई दुनिया में कई कारक ऐसे पाए गए हैं, जिसे वैज्ञानिक नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से आगे के अध्ययन के लिए उपयुक्त बनाते हैं. टोक्यो में अकिहिको फुकुई के साथ परियोजना का सह-नेतृत्व कर रहे एस्ट्रोबायोलॉजी सेंटर के एक शोध दल के एक परियोजना सहायक और टोक्यो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मासायुकी कुज़ुहारा ने कहा कि हमने आज तक की सबसे निकटतम, पारगमन, समशीतोष्ण, पृथ्वी के आकार की दुनिया खोजी है. हालांकि हम अभी तक नहीं जानते हैं कि इसमें वायुमंडल है या नहीं.  हम इसे एक एक्सो-वीनस के रूप में सोच रहे हैं, जिसका आकार और ऊर्जा इसके तारे से सौर मंडल में हमारे पड़ोसी ग्रह के जैसा है. हालांकि इन नई दुनिया में कौन रहता है इसका पता नहीं लगाया गया है.

42 डिग्री है इस दुनिया का तापमान

मासायुकी कुज़ुहारा ने मुताबिक एक शांत, लाल और बौने तारा जिसे  Gliese 12 कहा जाता है, यह ग्रह उसकी परिक्रमा करते हुए मिला है. इस तारे का आकार सूर्य के आकार का केवल 27 प्रतिशत है, जिसमें सूर्य की सतह का तापमान लगभग 60 प्रतिशत है. नई खोजी गई दुनिया को ग्लिसे 12 बी (Gliese 12-B) नाम दिया गया है. यह हर 12.8 दिनों में परिक्रमा करता है और इसका आकार पृथ्वी या शुक्र के बराबर या उससे थोड़ा छोटा हो सकता है. यदि फिलहाल यह माना जाए कि इसका कोई वायुमंडल नहीं है (जिसके बारे में अभी जानकारी हासिल करना है.) तो इस नए ग्रह की सतह का तापमान लगभग 107 डिग्री फ़ारेनहाइट (42 डिग्री सेल्सियस) हो सकता है.

नया ग्रह अपने तारे से प्राप्त करता है ऊर्जा

वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्लिसे 12 और इस नए ग्रह को अलग करने वाली दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का केवल 7 प्रतिशत है. Gliese 12-B ग्रह अपने तारे से 1.6 गुना अधिक ऊर्जा प्राप्त करता है­­.  फिर भी यह धरती से सिर्फ 50 डिग्री फारेनहाइट अधिक गर्म है.

नई दुनिया की खोज नासा की इंटरनेशन टीम ने ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) की सहायता से की गई. नए जीवन योग्य नए ग्रह ग्लिसे 12-बी की खोज में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन का अहम योगदान रहा है. इस खोज की हिस्सा रहीं लारिसा पेलेथोरपे ने बताया कि यह काफी दिलचस्प है कि यह पृथ्वी से काफी करीबी ट्रांजिटिंग ग्रह है. यह अपने तारा/ सूर्य का रहने वाले क्षेत्र में हो सकता है या फिर रहने के लिए विकसित हो रहा होगा.

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