Venezuela: वेनेजुएला में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर निकोलस मादुरो सत्ता में लौट आए हैं. इसके साथ ही निकोलस तीसरी बार वेनुजुएला के राष्ट्रपति चुने गए हैं. हालांकि चुनावी नतीजों से नाखुश विपक्षी नेता ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और विरोध की तैयारी कर रहे हैं.
निकोलस मादुरो विजेता घोषित
रविवार को वेनेजुएला में हुए मतदान में राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने निकोलस मादुरो राष्ट्रपति पद के लिए विजेता घोषित किया है. मध्यरात्रि के बाद राष्ट्रीय चुनाव परिषद के प्रमुख एल्विस एमोरोसो ने बताया कि निकोलस मादुरो के खाते में 51 फीसदी वोट आए हैं, जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज को 44 प्रतिशत वोट मिले हैं.
Maduro is declared winner in Venezuela's presidential election amid opposition claims of irregularities, reports AP
— Press Trust of India (@PTI_News) July 29, 2024
विरोध की तैयारी में विपक्ष
उन्होंने बताया कि यह परिणाम 80 फीसदी मतदान केंद्रों पर पड़े वोट पर आधारित हैं. चुनाव प्राधिकरण ने अभी तक 30 हजार मतदान केंद्रों के आधिकारिक मतदान आंकड़ों का ऐलान नहीं किया है. इससे विपक्ष नतीजों की पुष्टि नहीं कर पा रहा है. अब विपक्ष चुनाव परिणाम को लेकर विरोध पर उतर आया है
अमेरिका को भी ऐतराज
विदेशी नेताओं ने अभी नतीजों को मान्यता नहीं दी है क्योंकि चुनाव परिषद ने आने वाले कुछ घंटो में आधिकारिक आंकड़ें जारी करने का वादा किया है. चिली के वामपंथी नेता गैब्रियल बोरिक ने कहा कि मादुरो सरकार को यह समझना चाहिए कि जो परिणाम उसने प्रकाशित किए हैं, उन पर विश्वास करना मुश्किल है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तोक्यो में कहा कि उनके देश को ‘गंभीर चिंता है कि जारी किए गए नतीजे वेनेजुएला के लोगों की इच्छा या मतदानों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.
मादुरो को हरा रहे थे गोंजालेज… विपक्षी प्रतिनिधियों का दावा
विपक्ष के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने मतदान केंद्रों पर जो आंकड़े एकत्र किए थे, उससे पता चलता है कि गोंजालेज, निकोलस मादुरो को हरा रहे हैं. इस बीच, चुनाव परिषद के प्रमुख ने कहा कि वह आगामी कुछ घंटों में आधिकारिक मतदान आंकड़े घोषित होंगे.
गोंजालेज से कड़ी चुनौती का सामना
बता दें कि इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को गोंजालेज से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. विपक्षी नेताओं को गोंजालेज के विजेता बनने का पूरा भरोसा था. उन्होंने कुछ मतदान केंद्रों के बाहर जश्न मनाना भी शुरू कर दिया था. हालांकि 11 साल से सत्ता पर काबिज मादुरो को मान नहीं दे पाए.
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