Zelensky के साथ हुई नोकझोक Trump को पड़ी भारी! नार्वे की कंपनी ने बंद की अमेरिकी सेना की फ्यूल सप्लाई

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Norway Firm stops Fuel Supply to US: व्‍हाइट हाऊस में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की के बीच शुक्रवार को हुई नोकझोक के बाद नॉर्वे ने अमेरिका के खिलाफ बड़ा एक्‍शन लिया है. दरअसल नार्वे की एक तेल और शिपिंग कंपनी ने देश के बंदरगाहों पर रुके अमेरिकी सैन्य बलों की फ्यूल सप्लाई पर तुरंत रोक लगाने की घोषणा की है.

अमेरिकी सैन्य बलों की फ्यूल सप्लाई पर रोक लगाने के बाद कंपनी हॉल्टबैक बंकर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक बयान भी जारी किया. दरअसल कंपनी का ये फैसला ट्रंप और जेलेंस्की के तनावपूर्ण बैठक के सीधी प्रतिक्रिया के रूप में आया है. बता दें कि कंपनी ने साल 2024 में अमेरिकी सेना के करीब 3,000,000 लीटर फ्यूल की सप्लाई की थी.

ट्रंप और उपराष्ट्रपति का सबसे खराब शो

वहीं, कंपनी द्वारा फेसबुक पर किए गए पोस्ट में लिखा गया है कि आज हमने टीवी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के सबसे खराब शो को देखा है. हालांकि, ये टीवी शो अमेरिका की तरफ से दिखाया गया, लेकिन इसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति की खूब तारीफ करनी चाहिए कि उन्होंने इस दौरान धैर्य रखा और शांत रहे.

इसके परिणामस्‍वरूप कंपनी ने घोषणा की कि “हमने नॉर्वे के बंदरगाहों पर पहुंचने वाले अमेरिकी जहाजों और नॉर्वे में अमेरिकी सेना की फ्यूल सप्लाई को तुरंत रोक लगाने का निर्णय लिया है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने अपने फेसबुक पेज पर हेवी ट्रैफिक को देखते हुए पोस्ट को डिलीट कर दिया है.

ट्रंप और जेडी वेंस ने की यूक्रेनी राष्ट्रपति की आलोचना

बता दें कि अमेरिका के ओवल ऑफिस में शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति स्थापित करने और यूक्रेन-अमेरिका के बीच संभावित खनिज समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बैठक हुई थी, लेकिन इस दौरान दोनों देशों के नेताओं की बातचीत एक तनावपूर्ण स्थिति में बदल गई. बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की खुलेआम आलोचना की. उन पर रूस के शांति समझौते को ठुकराते हुए वैश्विक शांति को खतरे में डालने का आरोप भी लगाया. साथ ही ट्रंप ने जेलेंस्की पर अमेरिका के समर्थन को उचित सम्मान न देने की भी बात कही.

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