पहले पीएम मोदी, अब NSA अजीत डोभाल करेंगे रूस की यात्रा; जानिए क्या है मुख्य एजेंडा

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ajit Doval Russia Visit: जुलाई के महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस की यात्रा की थी. उनकी रूस की यात्रा के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस हफ्ते रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं. उनकी इस यात्रा के दौरान रूस और यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए चर्चा की उम्मीद है. इस यात्रा के दौरान डोभाल मुख्य रूप से BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के समिट में हिस्सा लेने के लिए रूस की यात्रा पर जा रहे हैं.

दरअसल, यह समिट उस समय हो रही है, जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति की कोशिशों को नया आयाम दिया जा रहा है. डोभाल की इस यात्रा के दौरान वह अपने रूसी समकक्ष के साथ भी बातचीत करेंगे और क्षेत्र में शांति लाने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं. विगत शुक्रवार को इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से चर्चा करने के बाद कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच के चल रहे संघर्षों का समाधान ढूंढने के लिए चीन और भारत अहम भूमिका निभा सकते हैं.

पुतिन ने माना भारत रूकवा देगा वॉर!

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विगत गुरुवार को एक चर्चा के दौरान कहा कि भारत, ब्राजील और चीन कि संघर्ष को हल करने में ये देश अपनी भूमिका निभा सकते हैं. एक कार्यक्रम के दौरान पुतिन से जब पूछा गया कि रूस यूक्रेन युद्ध में ऐसे कौन से देश हैं जो मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सबसे पहले, यह चीन, ब्राजील और भारत हैं- मैं अपने सहयोगियों के संपर्क में हूं. इन देशों के नेता और हमारे बीच विश्वास और भरोसे के संबंध हैं, मुझे कोई शक नहीं कि ये संघर्ष विराम के लिए असल में रुचि लेंगे और मदद करेंगे.

शांति चाहता है भारत

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में भारत के पीएम मोदी ने हाल के दिनों में कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत संघर्ष की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह इसे दूर करने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेगा. वहीं, रुस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने माना की भारत दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के निस्तारण के लिए अच्छा रोल निभा सकता है.

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