चीन के विदेश मंत्री से मिले NSA डोभाल, जानिए LAC को लेकर दोनों में क्या हुई बात?

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ajit Doval Meets Chinese FM: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास कुछ हिस्सों में तनाव जारी है. विशेषकर पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है. बातचीत कर के दोनों देश इस तनाव को समान्य करने की कोशिशों में लगे हैं. भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए सहमति व्यक्त की है.

दरअसल, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस की यात्रा की है. इस दौरान उन्होंने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की और बातचीत की. इस बातचीत के दौरान चीन और भारत की सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध के शीघ्र समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया. विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के अनुसार डोभाल ने वांग को बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और LAC का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक है.

अजीत डोभाल की रूस यात्रा

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपनी रूस की यात्रा के दौरान रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन में हिस्सा लिया. इसी दौरान उन्होंनें चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की. जानकारी दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

दोनों देशों ने बात के लिए जताई सहमति

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान के हाल के प्रयासों की समीक्षा की. मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने तत्परता से काम करने और टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.

कई मुद्दों को ध्यान में रखकर होगी बात

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों को अतीत में किए गए द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना चाहिए. आगे बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.

More Articles Like This

Exit mobile version