भारत, रूस और चीन मिलकर करेंगे काम, चांद पर स्थापित होगा न्यूक्लियर पावर प्लांट

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Nuclear Power Plant: क्या आपने कभी कल्‍पना किया है कि चांद पर बिजली भी बन सकती है, लेकिन जल्‍द ही इस सपने जैसे बात को रूस हकीकत में बदलने वाला है. दरअसल, रूस ने साल 2036 तक रूस चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की प्लानिंग की है. खास बात यह है कि रूस के इस मिशन में भारत और चीन भी उसका साथ देंगे.

चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने के इस परियोजना पर रूस की सरकारी परमाणु निगम रोसाटोम काम कर रही है, इसके तहत चांद पर आधा मेगावाट बिजली पैदा होगी, जो चांद पर बने बेस को सप्लाई की जाएगी.

न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने का काम जारी

ऐसे में ही रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया कि चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने का काम शूरू हो चुका है और 2036 तक इस स्थापित भी कर दिया जाएगा. बता दें कि साल 2021 में रूस और चीन ने एक साथ अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन बनाने की घोषणा की थी.

फिर से चांद पर पहुंचना भारत का लक्ष्‍य

रूस की परियोजना से भारत एक बार फिर से चंद्रमा को लक्ष्य बना रहा है. चंद्रयान-3 के सफल मिशन के बाद भारत की इस न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर दिलचस्पी और बढ़ गई है. ऐसे में भारत भी साल 2035 तक अपना पहला भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन एस्टेब्लिश करने की प्लानिंग में लग गया है.

यह प्लांट भारत के लिए भी महत्‍वपूर्ण

दरअसल, साल 2023 में भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका मकसद 2040 तक चांद पर मानव को भेजना है. ऐसे में चांद पर लगाए गए यह प्लांट भारत की ऊर्जा की जरूरत को पूरा करेंगे. नासा का कहना है कि चंद्रमा पर ऊर्जा प्रणालियों की लिमिट है. ऐस में इस एटम रिएक्टर को स्थाई रूप से छाया वाले क्षेत्र (ऐसे क्षेत्र जहां पानी या बर्फ हो) में रखा जा सकता है. वहीं, चंद्रमा पर सोलर एनर्जी की निरंतर आपूर्ति संभव नहीं है.

चांद पर न्यूक्लियर फ्यूल पहुंचना सुरक्षित

वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि इस परियोजना से जुड़ी समस्याओं के बावजूद भी सुरक्षा एक चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि उन्‍हें यकीन है कि चांद पर न्यूक्लियर फ्यूल पहुंचना सुरक्षित है और प्रक्षेपण में सफलता को ध्यान में रखते हुए विकिरण जोखिम बहुत कम है. उन्होंने कहा कि रिएक्टरों को किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में एटॉमिक तरीके से बंद करने के लिए ही डिजाइन किया गया है.

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