Nuclear War: दो साल से भी अधिक समय से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध में अब जल्द ही परमाणु हमले भी हो सकते है. क्योंकि रूस ने आर्कटिक सागर में परमाणु विस्फोट की पूरी तैयारी कर ली है, जिसका सुबूत नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सीमा के करीब’फ्लाइंग चेरनोबिल’परीक्षण स्थल पर मिला है.
सैटेलाइट के द्वारा लिए गए तस्वीरों के मुताबिक, रूस परमाणु जंग से पहले आर्कटिक सागर में 1990 के बाद पहला परमाणु परीक्षण करने जा रहा है. नाटो सीमा पर इसके लिए आवश्यक रेडियोधर्मी सीज़ियम-137 के निशान मिले है, जिसके बाद से यूक्रेन ही नहीं नाटो और अमेरिका में खलबली मची हुई है.
रूस-नॉर्वे की सीमा पर रेडियोधर्मी स्पाइक के निशान
वहीं, क्रेमलिन ने भी इस बात का दावा किया है कि वह शीत युद्ध के बाद पहली बार एटम बमों का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. वहीं, परमाणु परीक्षण किए जाने वाले स्थान के सैटेलाइट तस्वीरों में रूस की तैयारी को देश अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो किसी भी समय आर्कटिक क्षेत्र में परमाणु विस्फोट कर सकते हैं. वहीं, रूस-नॉर्वे की सीमा पर रेडियोधर्मी स्पाइक के मजबूत निशान पाए गए हैं. हांलाकि स्पाइक का कारण अज्ञात है, स्तर अभी भी सामान्य से अधिक प्रतीत होता है.
परीक्षण स्थल पर पूरी तैयारी
जबकि, रूसी अधिकारियों का भी कहना है कि यदि पुतिन की तरफ से आदेश दिया गया तो आर्कटिक में तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू किया जा सकता है. दरअसल, परीक्षण स्थल के सुविधा निदेशक रियर-एडमिरल आंद्रेई सिनित्सिन ने कहा कि परीक्षण स्थल पूर्ण पैमाने पर परीक्षण गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है साथ ही प्रयोगशाला और परीक्षण सुविधाओं के अलावा परीक्षणकर्मी भी तैयार है. ऐसे में अगर आदेश दिया जाता है, तो हम किसी भी समय परीक्षण शुरू कर देंगे.
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