Opium Cultivation: अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने देश में कई बदलाव करने के साथ ही सरिया कानून लागू कर दिया. इतना ही नहीं, देश के आय के सबसे बड़े स्त्रोत अफीम की खेती पर भी बैन कर दिया. ऐसे में साल 2021 के बाद से देश में अफीम की खेती में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई, लेकिन पिछले एक साल में इसमें फिर से बढोतरी देखने को मिली है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNODC (United Nations Office on Drugs and Crime) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में तालिबान के प्रतिबंध होने के बावजूद अफीम की खेती में 19 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसके बाद भी वो इस मामले में अभी दमन से पहले के स्तर से काफी पीछे है.
बढ़ोतरी के बाद भी काफी कम उत्पादन
बता दें कि हिरोइन के स्रोत और दुनिया भर में नशे के कारोबार के लिए अफीम को सबसे अहम माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में इस साल खेती का क्षेत्रफल केवल 12,800 हेक्टेयर (31,629 एकड़) था, जो बैन होने से पहले खेती किये जाने वाले 232,000 हेक्टेयर (573,284 एकड़) से काफी कम है.
वहीं, UNODC की मानें तो अप्रैल 2022 में नशीले पदार्थों की खेती बैन होने के बाद साल 2023 तक अफीम की खेती में 95 फीसद की गिरावट आई. ऐसे में ही अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की चीफ रोजा ओटुनबायेवा ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि अफीम की खेती में सच में कमी आई है और इसका अफगानिस्तान के पड़ोसियों, क्षेत्र और विश्व की ओर से स्वागत किया जाएगा.
दूसरे क्षेत्रों में शिफ्ट हुई खेती
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से अफीम की खेती अपने पारंपरिक क्षेत्र से हटकर दूसरे स्थानों में चली गई है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी खेती अब पूर्वोत्तर प्रांतों में हो रही है, जहां 2024 में 59 फीसद अफीम की कुल खेती हुई. जबकि इससे पहले साल 2023 तक इन प्रांतों में अफीम की खेती में 381 फीसद वृद्धि देखी गई, खासतौर से बदख्शां में.
अफीम के कीमतों में भी उछाल
UNODC की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में अफीम की खेती बैन होने से उसके कीमतों में काफी उछाल आया है. वहीं, अच्छी कीमतों के चलते अफीम की खेती गरीबी से जूझ रहे अफगानों के लिए एक आकर्षक संभावना बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में अफीम लगभग 730 डॉलर प्रति किलोग्राम से बिक रही है, जो प्रतिबंध से पहले के दामों से करीब 100 डॉलर ज्यादा है.
इसे भी पढें:-देश के 51वें मुख्य न्यायधीश बने जस्टिस संजीव खन्ना, राष्ट्रपति मुर्मु ने दिलाई शपथ