Pager Blast: क्या होता है पेजर जिसने लेबनान में मचाई तबाही, किसने और कब किया था इसका अविष्कार?

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pager Blast: लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. बताया जा रहा है कि इस हमले में करीब 2700 से अधिक लोग घायल हुए है, वहीं 10 लोगों के मौत होने की भी बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि इस हमले के शिकार लोगों में ज्‍यादातर हिजबुल्‍लाह के लड़ाके है. इस हमले के बाद से अब अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल है कि पेजर काम कैसे करता है, ये कितना सूरक्षि‍त है, इसकी शुरुआत कब और किसने किया था…ऐसे में चलिए इन्‍हीं सब सवालों के बारे में विस्‍तार से जानते है

क्या होता है पेजर?

पेजर या बीपर एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका इसतेमान अल्फान्यूमेरिक या वायस भेजने रिसिव करने के लिए किया जाता है. साल 1990 के दशक में कारोबारी, डॉक्टर और अन्य प्रोफेशनल्स के बीच पेजर का इस्तेमाल किया जाता था. क्योंकि उस वक्त मोबाइल फोन इतने ज्यादा पॉपुलर नहीं हुए थे.

खास बात ये है कि इनमें कोई फोन नंबर या सिम कार्ड नहीं होता, इसलिए ये निजता और उच्च स्तर की विश्वसनीयता प्रदान करते हैं. कुल मिलाकर पेजर को एक भरोसेमंद और सीधा-साधा संचार माध्यम माना जाता है, जो मुख्य रूप से एनालग रेडियो तकनीक पर आधारित हैं.

कब और किसने किया पेजर का अविष्कार?

आपको बता दें कि पेजर का अविष्कार साल 1921 में  ए एल ग्रॉस ने किया था, जबकि इसका इस्तेमाल 1950 के बाद से शुरू हुआ. पहली बार इसे न्यूयॉर्क सिटी क्षेत्र के चिकित्सकों के लिए शुरू किया गया था. वहीं, 1980 का दशक आते-आते इसे दुनियाभर में व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाने लगा.  आपको बता दें कि पेजर का अविष्कार करने वाले ए एल ग्रॉस को ही वॉकी-टॉकी और कोर्डलेस टेलिफोन का भी अविष्कारक माना जाता है.

कैसे काम करता है पेजर?

पेजर एक कम्‍यूनिकेशन डिवाइस है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से अपना काम करता है. इसमें इंटरनेट, कॉलिंग या फिर मोबाइल नेटवर्क की आवश्‍यकता नहीं होती है. एक पेजर डिवाइस मैसेज भेजता है और दूसरा पेजर उसे रिसिव करता है. मुख्य रूप से बात करें तो पेजर तीन तरह के हैं.

  • वन वे पेजर: इस तरह के पेजर से केवल मैसेज को रिसिव किया जा सकता है.
  • टू वे पेजर: ये पेजर मैसेज भेजने और रिसिव करने दोनों में ही इस्‍तेमाल किया जा सकता है.
  • वॉयस पेजर: इस पेजर में लोग अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं.

पेजर से हिजबुल्लाह क्या करता था?

दरअसल, हिजबुल्लाह को पहले से ही आशंका थी कि उसके कम्युनिकेशन नेटवर्क के कुछ लोगों को इजरायल ने खरीद लिया है. जिसके वजह से उसने इस संगठन में इंटरनल कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल को बैन कर दिया गया था. हालांकि इससे पहले किसी भी काम के लिए हिजबुल्लाह के मेंबर पेजर से कम्युनिकेट करते थे.

 क्या हैक हो सकता है पेजर?

हिजबुल्लाह को शक है कि इजरायल ने किसी मालवेयर के जरिए उनके पेजर में ब्लास्ट करवाए हैं. ऐसे में अब सवाल ये है कि क्या पेजर को हैक किया जा सकता है? तो बता दे कि जी हां. यदि पेजर के रेडियो सिग्नल को इंटरसेप्ट कर लिया जाए तो इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. यही वजह है कि संवेदनशील जानकारी साझा करने के मामले में पेजर को फुल प्रूफ नहीं माना जा सकता. दरअसल, पेजर में कोई भी एन्क्रिप्शन नहीं होता जो कि इसे और कमजोर बनाता है.

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