Pakistan On Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने भारत को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है. इस दौरान हर किसी के सीने में बदले की आग धधक रही है. इसी बीच पाकिस्तान ने बेहद बेशर्मी वाला काम किया है. एक ओर जहां पाकिस्तान ने हमले की औपचारिक निंदा की, वहीं दूसरी ओर उसकी विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने हमलावरों को स्वतंत्रता सेनानी कहकर संबोधित किया.
बता दें कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा कहे जाने वाले TRF ने ली है. दरअसल, ये वही संगठन है, जिसे ISI का समर्थन प्राप्त है. फिर भी, पाकिस्तान आतंकियों को खुद से अलग बताकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है.
अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान
दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के नाम पर समर्थन जुटाने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान अपने नेता के “freedom fighters” वाले बयान से बनेकाब हो गया है. लेकिन फिर भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त एक्शन लिया है, जिसके बाद पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भी भारत को धमकी दी. उन्होंने कहा कि “यदि भारत हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाता है तो भारतीय नागरिक भी सुरक्षित नहीं रहेंगे. यह जैसे को तैसा होगा.
भारत ने लिया सख्त एक्शन
दरअसल, इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सबसे बड़ा फैसला 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना रहा, जिसे भारत ने इस्लामाबाद की आतंक पर ढुलमुल नीति के जवाब में उठाया. इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीज़ा रद्द कर दिए और अटारी बॉर्डर भी बंद करने की घोषणा की. इस पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि “24 करोड़ पाकिस्तानी नागरिकों को पानी की जरूरत है. भारत ऐसा नहीं कर सकता. यह सीधा युद्ध माना जाएगा. पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने भी भारत के फैसले को युद्ध की कार्रवाई करार दिया है.
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