Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले को लेकर देश ही दुनियाभर के लोगों में आक्रोश है. हालांकि इस हमले से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान के गले की नस है. इसके साथ ही उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना की दो राष्ट्र की अवधारणा पर भी जोर दिया था.
ऐसे में इस घटना को असीम मुनीर के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है. इसी बीच पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने असीम मुनीर और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही.
कई आतंकवादी समूहों का घर है पाकिस्तानी
माइकल रुबिन ने कहा कि निश्चित रूप से पाकिस्तानी मंत्री असीम मुनीर के भाषण ने आतंकवाद को हरी झंडी दिखाई. असीम मुनीर ने कहा कि कश्मीर गले की नस है. अब भारत को पाकिस्तान की गर्दन काटने की जरूरत है. इसमें कोई शक या संदेह नहीं है. अब कोई शॉर्टकट नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि पाकिस्तान कई आतंकवादी समूहों का घर है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा भी शामिल है. दुर्भाग्य से पाकिस्तानी राजनयिक पश्चिमि देशों को मूर्ख बनाते रहे हैं, जिसके चलते आतंकवाद विरोधी कार्रवाई कम हुई.
बांग्लादेश तक पहुंची समस्या
उन्होंने कहा कि इस समय आातंकवाद की समस्या पाकिस्तान से बांग्लादेश तक पहुंच चुकी है. वहीं, इसके बारे में कुछ खुफिया जानकारी भी सामने आई है. रूबिन ने इस हमले के लिए आईएसआई को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही.
माइकल ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर ऐसा ही हमला किया था. यह हमला खास तौर पर यहूदियों के खिलाफ था और केवल यहूदियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उन उदार यहूदियों के खिलाफ भी था, जो गाजा पट्टी के साथ शांति और सामान्य स्थिति चाहते थे. छुट्टी मनाने गए मध्यम वर्ग के हिंदुओं को एक रिसॉर्ट में निशाना बनाकर आतंकियों ने यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तानी भी अब वही रणनीति अपना रहे हैं.”
इजरायल की तरह कार्रवाई करे भारत
रुबिन ने कहा कि अब भारत का कर्तव्य है कि वह पाकिस्तान और आईएसआई के साथ वैसा ही करे, जैसा इजरायल ने हमास के साथ किया था. अब समय आ गया है कि आईएसआई के नेतृत्व को खत्म कर दिया जाए और उन्हें एक नामित आतंकवादी समूह के रूप में माना जाए और मांग की जाए कि भारत का सहयोगी हर देश, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सहयोगी हर देश ऐसा ही करे.
सुअर से की पाकिस्तान की तुलना
इतना ही नहीं, पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने ये भी कहा कि “यह चौंकाने वाला था, लेकिन इससे आपको यह पता चलता है कि आप सुअर पर लिपस्टिक लगा सकते हैं, लेकिन वह फिर भी सुअर ही रहेगा. उन्होंने कहा कि आप यह दिखावा कर सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करता है, लेकिन वह आतंकवाद को प्रायोजित करता रहेगा, चाहे हम इसे कितना भी सामान्य बनाने की कोशिश करें.
यह कोई अचानक की कार्रवाई नहीं
पूर्व अधिकारी ने कहा कि जैसे बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आतंकवादी हमला हुआ था, वैसे ही ऐसा लगता है कि पाकिस्तान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाना चाहता है. संयुक्त राज्य अमेरिका को पाकिस्तान को ऐसा करने नहीं देना चाहिए, और हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि यह किसी तरह की अचानक की गई कार्रवाई है.”
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