पाकिस्तान का दोस्त बन रहा रूस! दोनों देशों के बीच हुआ व्या‍पार समझौता

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pak-Russia Trade Deal: भारत के दुश्‍मन देश पाकिस्‍तान के साथ रूस ने एक बड़ा समझौता किया है. यह डील व्‍यापार को लेकर है. रूस-पाकिस्तान व्यापार और निवेश फोरम का उद्घाटन रूसी राजधानी मॉस्को में हुआ. दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में यह निर्णय लिया गया है. इस फोरम में 60 सदस्यों वाला पाकिस्तानी व्यापार प्रतिनिधिमंडल था.

इस प्रतिनिमंडल का नेतृत्‍व पाकिस्तान के निजीकरण, निवेश और संचार बोर्ड के केंद्रीय मंत्री अब्दुल अलीम खान ने किया. मीटिंग में समझौता ज्ञापन यानी MoU पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते को पाकिस्तानी मीडिया एक ऐतिहासिक डील बता रहा है. हालांकि इस एमओयू पर हस्ताक्षर कर रूस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज की एक मुराद पूरी कर दी है.

एमओयू पर हस्ताक्षर 

रूस के मास्‍कों में आयोजित उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली और रूसी उद्योग और व्यापार उप मंत्री, एलेक्सी ग्रुजदेव ने फोरम का उद्घाटन किया. इस दौरान परिवहन मंत्री के सलाहकार एवगेनी फिडचुक समेत अन्य वरिष्ठ रूसी अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान दोनों देशों के बीच वस्तु विनिमय व्यापार को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और प्रतिबंधों से बचने के लिए पाकिस्तान लंबे समय से रूस से यह डील करना चाहता था. रूस की फर्म एलएलसी और दो पाकिस्तानी कंपनियों के बीच छोले, आलू, चावल, फल, और दाल जैसे सामानों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी.

पाक-रूस के संबंध पर भारत की नजर

पाकिस्तान और रूस के के बीच बढ़ते संबंध पर भारत की भी नजर है. मालूम हो कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध काफी लंबे समय से चले आ रहे हैं. दोनों के बीच संबंध काफी गहरे हैं. यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है.

पूरी हुई शहबाज की मुराद

बता दें कि पाकिस्तान ने इस साल हुए एससीओ समिट में रूस से वस्तु विनिमय करने का आग्रह किया था. शहबाज शरीफ ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए वस्तु विनिमय सिस्‍टम के इस्तेमाल को कहा था. उन्होंने 50-70 के दशक में दोनों देशों के बीच होने वाले वस्तु विनिमय व्यापार की बात की. तब पाकिस्तान रूस से मशीनरी का आयात करता था और रूस को चमड़ा एवं अन्य वस्तुओं का निर्यात करता था. हालांकि अब एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन ने शहबाज शरीफ की मुराद पूरी कर दी है.

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