Pakistan: खैबर पख्तूनख्वा में 3 साल के बच्चें के खिलाफ केस दर्ज, हैरान कर देने वाला है आरोप

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां एक 3 साल के बच्‍चें पर बिजली चोरी करने के आरोप लगाया गया है, और इस मामले में केस भी दर्ज कर लिया गया है. इस घटना की जानकारी एक न्यूज रिपोर्ट के माध्‍यम से दी गई है.

बता दें कि पेशावर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (PESCO) और जल और बिजली विकास प्राधिकरण (WAPDA) की शिकायतों पर, बिजली चोरी में कथित संलिप्तता के लिए नाबालिग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कोर्ट ने व्‍यक्‍त की अनिश्चितता

वहीं, इस मामले में नाबालिग बच्‍चें को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में भी लाया गया, जिससे उसके कानूनी प्रतिनिधि को यह दावा करने के लिए प्रेरित किया गया कि हलफनामा प्राप्त करने पर न्यायाधीश ने मामले को खारिज कर दिया था. इसके अलावा, यह भी नोट किया गया कि WAPDA/PESCO के अधिकारियों ने कथित अपराध से बच्चे के संबंध के बारे में अनिश्चितता व्यक्त की.

Pakistan: हैरान करने वाला खुलासा

आपको बता दें कि यह घटना पिछले महीने एक हैरान करने वाले खुलासे के बाद आई है, जिसमें कथित तौर पर बिजली वितरण कंपनियों (डिस्को) के भीतर बिजली चोरी के कारण राष्ट्रीय खजाने को 438 बिलियन पीकेआर का चौंका देने वाला नुकसान हुआ था. सूत्रों से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ये घाटा 438 बिलियन पीकेआर से अधिक था, जो कि 723 बिलियन पीकेआर की कुल वार्षिक बिलिंग के बीच एक बड़ा आंकड़ा है.

ऊर्जा विभाग ने जताई चिंता

सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले डिस्को के तौर पर पहचाने जाने वाले पावर डिवीजन ने हैदराबाद, क्वेटा, सुक्कुर, पेशावर और आदिवासी क्षेत्रों की कंपनियों को उनके निराशाजनक रिकॉर्ड के लिए चुना. वहीं, 7 अप्रैल को, पंजाब ऊर्जा विभाग ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा सरकारी संस्थानों से अधिक शुल्क वसूलने पर चिंता जताई और इसे प्रांतीय खजाने पर बोझ बताया.

दोषीं पाई गई ये कंपनियां

इस मुद्दे को लेकर विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि लाहौर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (LESCO), फैसलाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (FESCO), गुजरांवाला इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (GEPCO) , मुल्तान इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (MEPCO) और इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (IESCO) सरकारी विभागों से अधिक शुल्क वसूलने के लिए दोषी थीं.

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