Pakistan-Afghanistan: इस समय पाकिस्तान के बुरे दिन चल रहे हैं. उसकी आर्थिक स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि उसने अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, उसने लाखों लोगों के सरकारी नौकरियों को खत्म करने का भी ऐलान किया है, जिससे कि उसे उन लोगों को सैलरी न देनी पड़ें. इसी बीच उसने यूएन में जाकर भारत के कश्मीर को बयान बाजी की है, जिसका भारत ने भी करारा जवाब दिया है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान को एक न एक दिन पीओके खाली करना ही होगा.
दरअसल, ड्रग्स नारकोटिक्स के लिए पाकिस्तान पूरी दुनियाभर में बदनाम हो रहा है. ऐसे में भारत के करारे जवाब के बाद तालिबानी प्रशासन ने भी पाकिस्तान की धुलाई की है. पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ ने यूएन में जाकर तालिबानी जमीन को लेकर जो टिप्पणी की उससे तालिबानी प्रशासन काफी नाराज हो गया है.
अफगानिस्तान में होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई
बता दें कि शाहबाज शरीफ ने यूएन में कहा था कि वो अंतरराष्ट्रीय उम्मीदों का समर्थन करते हैं और साझा करते हैं कि अफगानिस्तान अंतरिम सरकार महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों समेत मानवाधिकारों का सम्मान करेंगी और राजनीतिक समावेश को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार को विशेष रूप से अफगानिस्तान के भीतर सभी आतंकवादी समूहों को बेअसर करने के लिए प्रभावी कार्यवाही करनी चाहिए. खासतौर से पड़ोसी देशों के खिलाफ, जो सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है.
अफगानिस्तान को कोई खतरा नहीं
इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ ने इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तान के खिलाफ सबसे ज्यादा हमले करने वाला टीटीपी को भी अफगानिस्तान प्रशासन का ही शरण है. जिसके बाद इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान खासा नाराज हो गया. इस दौरान इस्लामी अमीरात के विदेश मंत्रालय के डिप्टी प्रवक्ता ने कहा कि अंतरिम सरकार क्षेत्रीय शांति पर जोर देती है न कि अपने ही जमीन पर आतंकवादी गुट का समर्थन करती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी प्रकार से देश के लिए खतरा नहीं है. वह किसी भी आतंकवादी गुट को अपनी जमीन का उपयोग नहीं करने देता है, जिससे किसी का खतरा हो.
इसे भी पढें:-इजरायली हमले में परिवार के साथ मारा गया हमास कमांडर, फिलिस्तीन मुक्ति मोर्चा के भी तीन नेता ढेर