Pakistan Army: इस दिनों पाकिस्तान किसी न किसी मामले को लेकर लगातार चर्चा में बना रह रहा है. वहीं, इस बार के ताजे मामले में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने के आरोप में करीब 150 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिसमें से 22 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुातबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में से ज्यादातर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से जुड़े है. वहीं, पाकिस्तानी सरकार ने सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई, जिसकी जानकारी बुधवार को एक अधिकारी के द्वारा दी गई.
PTI का दावा….
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुताबिक, 26 नवंबर को इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिसमें पार्टी के 12 कार्यकर्ता मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे. पीटीआई का दावा है कि गोलीबारी के बाद से ही करीब 105 पार्टी कार्यकर्ता लापता हैं. इस घटना के बाद से इमरान खान के समर्थकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने के लिए पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराना शुरू कर दिया था. हालांकि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई थी.
सरकार ने विशेष कार्यबल का किया गठन
रिपेार्ट के मुताबिक, सरकार ने ऐसे तत्वों पर नकेल कसने के लिए संघीय जांच एजेंसी के प्रमुख की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यबल का गठन किया है. वहीं, एफआईए के एक अधिकारी का कहना है कि एफआईए की साइबर अपराध शाखा ने देशभर में लगभग 150 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 22 लोगों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने आगे कहा कि एफआईए ने सरकारी संस्थाओं के खिलाफ दुष्प्रचार में शामिल संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए 117 छापे मारे, जिनमें से अधिकतर पंजाब में मारे गए. संदिग्धों के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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