Ballistic Missile: पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका सख्त होता जा रहा है. संयुक्त राज्य अमेरिका बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़े प्रसार और संबंधित खरीद गतिविधियों के खिलाफ मदद करने वाले कई संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कल गुरुवार को चीनी शोध संस्थान समेत कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए, जिनके बारे में दावा किया जा रहा था कि वे पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की सप्लाई में शामिल हैं.
बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बैलिस्टिक मिसाइलों और कंट्रोल्ड मिसाइल उपकरणों और प्रौद्योगिकी के प्रसार में शामिल पांच संस्थाओं और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है. विदेश मंत्रालय के कार्यकारी आदेश 13382 के अनुसार, बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) को नामित किया गया है, जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण के साधनों के प्रसारकों को लक्षित करता है.
पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने का आरोप
ज्ञात हो कि RIAMB पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलेक्स (NDC) के साथ काम कर रही थी- जिसके बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि यह पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन में शामिल है. ये संस्था पाकिस्तान की शाहीन-3 और अबाबील समेत बड़े व्यास वाले रॉकेट मोटर्स की टेस्टिंग के लिए उपकरणों की खरीद में शामिल है, खासकर संभावित रूप से बड़ी प्रणालियों के लिए.
इसके अलावा, “संयुक्त राज्य अमेरिका मिसाइल प्रतिबंध कानूनों (यानी, आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट [AECA] और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट [ECRA]) के तहत तीन PRC आधारित संस्थाओं, PRC से जुड़े एक शख्स और एक पाकिस्तानी संस्था पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. जिन पर रोक लगाई गई हैं वो PRC से जुड़ी फर्म हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज लिमिटेड और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (उर्फ लोंटेक); PRC से जुड़े शख्स लुओ डोंगमेई (उर्फ स्टीड लुओ); और पाकिस्तान आधारित संस्था इनोवेटिव इक्विपमेंट शामिल हैं.”
चीन ने किया विरोध
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका की तरफ से ये प्रतिबंध इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि इन संस्थाओं और लोगों ने मिलकर मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) एनेक्स के तहत नियंत्रित उपकरण और प्रौद्योगिकी को जानबूझकर एक गैर-MTCR देश को हस्तांतरित किया. इस फैसले पर वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका में चीन के दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा, ‘चीन एकतरफा लगाए प्रतिबंधों का विरोध करता है. इनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई कानूनी आधार नहीं है.