बांग्लादेश में इस बड़े प्लान पर काम कर रही शहबाज सरकार, दोनों देशों के बीच रिश्ते में हो सकता है सुधार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan-Bangladesh: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद से ही पाकिस्तान बांग्लादेश के अंदर अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए उसने तीन पहलुओं पर काम भी करना शुरू कर दिया है. शेख हसीना के सरकार में बांग्लादेश के भीतर पाकिस्तान की दाल नहीं गली, लेकिन अब मुहम्मद यूनुस की सरकार में एक बार फिर से उसके लिए नई उम्‍मीद जगी है.

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस मुद्दों को लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बातचीत भी हुई है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की चाह वाली तीन उम्मीदें जगी हैं. जिसमें सबसे प्रमुख ये है कि अब बांग्लादेश के भीतर पाकिस्तानी राजनयिक को दूसरे देशों के बराबर का दर्जा मिलेगा, जिससे वो खुलकर काम कर सकेंगे.

इकोनॉमिक गतिविधियों में तेजी लाएगा पाकिस्तान

वहीं, दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम दोनों देशों के बीच बनाए गए फोरम को एक्टिव करना है. दरअसल, शेख हसीना की सरकार में इकोनॉमिक फोरम मौजूद तो था, लेकिन यह एक्टिव नहीं था. ऐसे में अब इस फोरम के सक्रिय होने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार के तत्व मजबूत होंगे. जबकि तीसरा और आखिरी सबसे बड़ा मुद्दा  1971 से जुड़ा है

पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच 1971 का मुद्दा

बता दें कि साल 1971 से पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था. वहीं, बांग्लादेश के लोगों ने जब आजादी की मांग की तो पाकिस्तानी फौज ने उनपर काफी जुल्म किया. यही वजह है कि बांग्लादेश के ज्‍यादातर लोगों में पाकिस्तान के लिए गुस्सा रहा है. पाकिस्‍तानी रिपोर्टर का कहना है कि जब बांग्‍लादेश में खालिदा जिया की सरकार थी, उस वक्‍त परवेज मुशर्रफ ने बांग्लादेश का दौरा किया था, उस दौरान उन्‍होंने वॉर मेमोरियल जाकर इस जंग के लिए खेद जताया था, जिसे खालिदा सरकार ने भी स्वीकार कर लिया था.

पाकिस्तान-बांग्‍लादेश के रिश्‍तों में सुधार की उम्‍मीद

वहीं शेख हसीना के सरकार ने इसी मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान को घेर लिया और अब उनकी सरकार गिरने के बाद एक बार फिर से पाकिस्तान इस मुद्दे को सुलझाना चाहता है, जिसके लिए दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई है. दोनों देशों के इस वार्ता के दौरान पाकिस्तान को उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हो सकता है.

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