Pakistan Blasphemy Case: पाकिस्तान में एक बार फिर कट्टरपंथियों का ‘आतंक’ देखने को मिला है. ईशनिंदा के फैसले के विरोध में सैकड़ों की संख्या में कट्टरपंथियों ने सुप्रीम कोर्ट पर ही धावा बोल दिया.
दरअसल, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने एक अहमदिया शख्स को ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया, जिससे कट्टरपंथी में नाराजगी देखी गई. अहमदिया शख्स को ईशनिंदा के आरोपों से बरी करने पर कट्टरपंथियों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने चीफ जस्टिस के सिर पर एक करोड़ का इनाम रख दिया.
चीफ जस्टिस के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत कर रही थी, जिसमें जमात-ए-इस्लामी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUIF) के नेता भी उनका साथ दे रहे थे. इस दौरान वे सभी पाकिस्तान के चीफ जस्टिस का इस्तीफा की मांग कर रहे थे.
7 सितंबर तक का मौका
इसी दौरान सुरक्षा घेरे को तोड़कर हजारों प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंच गए. हालांकि उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज का भी सहारा लिया. फिलहाल प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन आलमी मजलिस ने सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले की समीक्षा के लिए 7 सितंबर तक का समय दिया है.
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