Pakistan News: पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के बीच पीओके में पिछले पांच दिनों से लोग सड़क पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारी शरीफ सरकार के खिलाफ पाकिस्तान हाय-हाय के नारे लगा रहे हैं. इस बीच बेकाबू हालात को देखते हुए पाकिस्तान सरकार को झुकना पड़ रहा है. पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने तत्काल 23 अरब रुपए रिलीज करने का आदेश दिया है. ताकि लोगों को महंगाई से राहत मिल सके.
प्रदर्शनकारियों के आगे झुकी पाकिस्तान सरकार
आटे-दाल समेत तमाम चीजों की बढ़ती महंगाई से परेशान जनता पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की जनता ने विरोध को उग्र कर दिया. पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई. बीते शनिवार को मीरपुर में पुलिस और जेएएसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प में एक पुलिस अफसर समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान सरकार हालात पर काबू पाने की कोशिशें लगातार कर रही है. लेकिन प्रदर्शन कम होने का नाम नहीं ले रहा. इन सबके बीच आखिरकर पाकिस्तान सरकार को झुकना पड़ा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तत्काल 23 अरब रुपए रिलीज करने का आदेश दिया है. जिससे लोगों को महंगाई में राहत मिल सके.
धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात
पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के बाद से पीओके में जेएएसी ने महंगाई और दूसरे मुद्दों पर बुलाई गई अपनी हड़ताल वापस ले ली है. आज यानी मंगलवार को जेएएसी ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, पीओके में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने के बाद कई इलाकों में मोबाइल फोन और इंटरनेट की सेवाएं निलंबित की गई थीं.
इन चीजों को लेकर शुरू हुआ था विरोध
गौरतलब है कि पीओके में पिछले पांच दिनों से महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. पाकिस्तानी रेंजर्स की फायरिंग में चार आम नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 90 से अधिक घायल हो गए. यही नहीं सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया, लेकिन हिंसक दमन के बाद भी पीओके के लोग पाकिस्तान के आगे झुकने को तैयार नहीं हुए और आखिरकर पाकिस्तान सरकार को ही इनके आगे झुकना ही पड़ा. पीएम शहबाज शरीफ की ओर से जेएएसी की ज्यादातर मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने और 23 अरब रुपए की ग्रांट को मंजूरी देने का एलान किए हैं. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मार्च रोक दिया है.
बता दें कि पीओके में जलविद्युत उत्पादन लागत के अनुसार बिजली का प्रावधान, आटे पर सब्सिडी और अभिजात्य वर्ग के लिए विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग को लेकर जेएएसी ने गुरुवार को अपना मार्च शुरू किया था. इस दौरान शुक्रवार को हड़ताल की घोषणा भी कर दी और जगह-जगह हिंसा देखने को मिली.
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