Pakistan Budget : इस बार पकिस्तान ने अपने बजट में डिफेंस पर खर्च बढ़ाकर काफी सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन इसमें अल्पसंख्यकों के लिए किसी योजना के लिए फंड आवंटन नहीं किया गया. जबकि पिछले बजट (2023-24) में अल्पसंख्यकों के लिए 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का आवंटन किया गया था, जो संशोधित बजट में भी बरकरार रहा.
वियॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यक को ऐसे वक्त में एक भी पैसा नहीं दिया गया जब वो कई तरह के चुनौतियों का सामना कर रहे है. इसमें संस्थागत भेदभाव, हिंसा और बेहद कठोर ईशनिंदा कानून भी शामिल हैं, दरअसल, इन दिनों अक्सर पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ उत्पीड़न की खबरें आती रहती हैं. हालांकि इससे पहले भी पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाइयों के जबरन धर्म परिवर्तन, लड़कियों के अपहरण, मंदिरों में तोड़फोड़ और हमले जैसे मामले सामने आए थे.
मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने मददगार
रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान के इस साल के बजट में जहां अल्पसंख्यकों के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है, वहीं धार्मिक मामलों के मंत्रालय का बजट बढ़ा दिया गया है. जो मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने मददगार साबित हो सकता है. बता दें कि इस साल पाकिस्तान में 2024-25 के लिए धार्मिक मामलों के मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 1,861 मिलियन रुपये कर दिया गया है, जबकि पहले 1,780 मिलियन रुपये था.
पाकिस्तान ने बढ़ाया रक्षा बजट
इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने इस साल वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए अलॉटमेंट 15 फीसदी बढ़ाकर 2,122 अरब रुपये कर दिया है. बता दें कि यह पिछले वित्त वर्ष के रक्षा बजट की अपेक्षा काफी अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज संकट से जूझ रहे कंगाल पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब उसे कहीं से भी पैसा नहीं मिल पा रहा है.
आपको बता दें कि रक्षा बजट पाकिस्तान की कुल जीडीपी का 1.7 फीसदी है. जिससे पता चलता है कि शहबाज शरीफ ने जनरल असीम मुनीर के लिए पूरा खजाना ही खोल दिया .
इसे भी पढ़ें:-दक्षिण अमेरिका पर चीन की बुरी नजर! ड्रैगन के मेगापोर्ट से बिगड़ेंगे दोनों देशों के रिश्ते, छिड़ सकती है संसाधनों की जंग?