भारत से तनाव के बीच IMF के रडार पर आया पाकिस्तान, जानें क्या है माजरा

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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IMF News: कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है. पाकिस्तान भारत के जवाबी कार्रवाई को लेकर डर रहा है. इसी बीच पाकिस्तान को अब एक और डर सता रहा है. दरअसल, 9 मई को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की अहम बैठक होने वाली है. जिसमें पाकिस्तान की किस्मत का फैसला भी होने वाला है. अब पाकिस्‍तान इस मीटिंग से घबराया हुआ है.

बता दें कि पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान ने IMF से 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की डील की थी. इस 37 महीने की डील के तहत छह रिव्यू होने हैं. अब इसका पहला रिव्यू होने वाला है, जिसे यदि पास कर दिया गया, तो पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की अगली किश्त मिल सकती है.

9 मई को होगा पाकिस्तान की किस्मत का फैसला

इसी के साथ पाकिस्तान ने आईएमएफ से एक और 1.3 अरब डॉलर के नए लोन की समझौता भी की है. यह समझौता जलवायु बदलावों से निपटने में मदद के नाम पर है. यानी 9 मई को आईएमएफ बोर्ड दो चीज़ें देखेगा—पहली, पाकिस्तान का प्रदर्शन कैसा रहा है और दूसरा, नया Resilience and Sustainability Facility (RSF) लोन दिया जाए या नहीं.

इस वजह से चिंतित है पाकिस्तान

वजह साफ है, पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था डूबी हुई है. महंगाई से आम आदमी का हाल बेहाल है. पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है और निवेशकों का भरोसा भी डगमगाया हुआ है. आईएमएफ का बेलआउट पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा जैसा है. हालांकि मार्च में आईएमएफ की टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था और तब कहा था कि पाकिस्तान ने प्रोग्राम को अच्छी तरह लागू किया है. खासतौर पर महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरें ऊंची रखी गई हैं और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिशें भी दिख रही हैं.

एक गड़बड़ी और अटक सकता है फंड

इन सब के बाद भी पाकिस्तान की परेशानी इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि आईएमएफ की शर्तें सख्त होती हैं. यदि IMF को लगा कि कहीं भी गड़बड़ी है, तो फंड अटक सकता है. ऊपर से IMF की नया सौदा जो जलवायु के नाम पर है उसके लिए भी तकनीकी स्तर की तैयारियां अभी जारी हैं.

वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कुछ हफ्ते पहले वॉशिंगटन में उम्मीद जताई थी कि मई की शुरुआत में मीटिंग से हरी झंडी मिल सकती है, लेकिन वास्‍तविकता यही है कि IMF की ओर से “हां” मिलने तक पाकिस्तान को चैन नहीं है. भारत-पाक तनाव के बीच आर्थिक मोर्चे पर ये मीटिंग पाकिस्तान के लिए एक और बड़ी परीक्षा बन गई है.

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