Pakistan: ग्वादर में बनेगा चीनी सैन्य अड्डा! पाक-चीन का सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक, अमेरिका की बढ़ेगी टेंशन

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan: पाकिस्‍तान लंबे समय से पड़ोसी देश चीन के साथ सहयोग बढ़ा रहा है. इसी बीच पाक और चीन से जुड़े दस्‍तावेज लीक हुए हैं, जिसमें खुलासा हुआ है कि पाकिस्‍तान ने चीन से ग्‍वादर में एक सैन्‍य अड्डा बनाने के लिए जगह देने का वादा किया था. इसके अलावा बीजिंग की लंबे समय से चली आ रही पाकिस्‍तान के अंदर संयुक्‍त सैन्‍य अभियानों को अधिकृत करने की मांग पर भी इस्‍लामाबाद ने भरोसा दिया था. चीन और पाकिस्‍तान के बीच समझौता तब हुआ, जब वह अमेरिका को लुभाने में नाकामयाब हो गया था.

पाकिस्‍तान ने ग्‍वादर में जगह देने का किया वादा

ड्रॉप साइट न्यूज ने लीक सीक्रेट डॉक्‍यूमेंट के आधार पर दावा किया है कि पाकिस्तान ने चीन से ग्वादर में एक सैन्य बेस बनाने के लिए जगह देने का वादा किया था. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के रिश्‍तों की बेहतरी के प्रयास में 2022 के अक्टूबर में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा वॉशिंगटन की आधिकारिक दौरे पर गए थे. बाजवा वाशिंगटन को आश्वस्त करना चाहते थे कि पाकिस्तान की सेना अमेरिका की ओर देख रही है ना कि चीन या रूस की ओर.

पहले अमेरिका का विश्‍वास हासिल करने की थी कोशिश

अमेरिका में बाजवा ने वादा किया कि बीजिंग के तुलना में वाशिंगटन के लिए पाकिस्तानी सेना की प्राथमिकता पर जोर दिया जाएगा. पाकिस्तान की कोशिश अमेरिका का पहले जैसा समर्थन और विश्वास हासिल करने की थी, जिसमें उसे सफलता हासिल नहीं हुई. अमेरिकी दांव के असफल होने के बाद पाकिस्तानी अधिकारी चीन के साथ संबंधों को सुधारने की अपनी कवायद तेज की दी. लीक दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन को लुभाने के लिए पाकिस्तान ने उससे वादा किया कि ग्वादर के बंदरगाह पर सैन्य बेस लिए बीजिंग को मंजूरी दी जाएगी.

पिछले 10 सालों में चीन के लिए पाकिस्तान समर्थित बुनियादी ढांचा निर्माण परियोजना का घर बन गया है, इसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के तौर पर जाना जाता है. अरबों रुपए के निवेश के बाद भी जमीनी स्तर पर इसके परिणाम निराशाजनक रहे हैं और पाकिस्तान कर्ज में डूबता जा रहा है. आंतरिक रिपोर्ट पाकिस्तान की इस इच्छा पर जोर देती है कि चीन और अमेरिका के साथ उसके संबंध एकतरफा ना हों.

अमेरिका और भारत दोनों चिंतित

सीक्रेट डॉक्यूमेंट के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य-समर्थित सरकार ने निजी तौर पर बीजिंग को ग्वादर के प्रमुख बंदरगाह में सैन्य अड्डा देने का वादा किया. ग्वादर चीन की बेल्ट-एंड-रोड पहल में एक खास स्थान रखता है. पाकिस्तान से होने वाले गलियारे का अंतिम पड़ाव चीन की इकोनॉमी को पश्चिम से जोड़ेगा और दक्षिण चीन सागर में शिपिंग पारगमन पर इसे कम निर्भर बनाएगा. ग्वादर के लिए चीन की महत्वाकांक्षाओं ने वॉशिंगटन ही नहीं भारत को भी टेंशन में डाल दिया है.

ग्वादर अरब सागर के तट पर रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य के मुहाने पर स्थित है. वहां एक मिलिट्री बेस चीन की अपने क्षेत्र से परे बल प्रक्षेपित करने की क्षमता को बदल देगा और उसे दक्षिण पूर्व एशिया में समुद्री ऊर्जा शिपिंग मार्गों पर निर्भरता से मुक्त कर देगा, जबकि चीन के खिलाफ अमेरिका की रोकथाम की रणनीति को कमजोर करेगा.

ये भी पढ़ें :- Indian Embassy US: अमेरिका में भारतीय दूतावास में मिला शख्स का शव, जांच में जुटी पुलिस

Latest News

बोतल में लगाना चाहते हैं मनी प्लांट? जान लें ये सीक्रेट तरीका, तेजी से ग्रो करेगा पौधा

Money Plants Grow in a Bottle of Water: प्राकृतिक से प्रेम करने वाले लोग अक्‍सर अपने घरों को सजाने के...

More Articles Like This