Pakistan Crocodile Farming: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जैकोबाबाद में मगरमच्छ पालन का एक अनोखा और नया बिजनेस शुरू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के चमड़ा उद्योग और पर्यटन को एक नई दिशा देना है.
जैकोबाबाद के पास स्थित भंभोर फार्महाउस में स्थानीय जमींदार द्वारा शुरू किए गए इस फॉर्म को मगरमच्छ पालन का अग्रदूत माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना है. वहीं, जमींदार के मुताबिक, इन खतरनाक मगरमच्छों को मेच्योर होने में पांच साल का समय लगता है और उनकी लंबाई 21 फीट तक हो सकती है, जबकि उनका वजन लगभग एक टन होता है.
मगरमच्छों की खाल और चमड़ा उद्योग
जैकोबाबाद में मगरमच्छ फार्म के इकोसिस्टम का एक अहम हिस्सा बन गए हैं. इसके खाल का इस्तेमाल मुख्य रूप से लक्जरी चमड़े के उत्पाद जैसे हैंडबैग, जूते, और बेल्ट बनाने में किया जाता है. ऐसे में आज के समय में इस उद्योग की वैश्विक मांग को देखते हुए पाकिस्तान में मगरमच्छ पालन का यह कदम आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है.
चमड़ा उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका
वहीं, फार्म के मालिक का कहना है कि “हम मगरमच्छों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार पेशेवर ढंग से बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे उनकी खालों की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर रखा जा सके.” फिलहाल फार्म में 10 मगरमच्छों का आयात किया गया है, लेकिन जमींदार का मानना है कि एक बार ये मगरमच्छ अंडे देना शुरू कर देंगे तो इनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी. वहीं इस उद्योग के सफल होने पर ये फार्म पाकिस्तान के चमड़ा उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान होगा.
मगरमच्छ पालन पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र
पाकिस्तान में मगरमच्छों के इस फार्म का मकसद केवल चमड़ा उद्योग ही नहीं, बल्कि पर्यटक के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण के रूप में देखा जा रहा है. पर्यटक इन अद्वितीय सरीसृपों को करीब से देखने के लिए इस फार्म की ओर आकर्षित होंगे, जिससे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है और यह नई ऊंचाईयों को छू सकता है.
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