Pakistan Economic Situation: पाकिस्तान में महंगाई की दर बहुत अधिक है. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है. पाकिस्तान का भुगतान संतुलन बहुत खराब है. आलम यह है कि यहां आदमी जितना पैसा कमा रहा है, उससे ज्यादा खर्च कर रहा है. कुल मिलाकर वर्तमान में पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, बढ़ती मुद्रास्फीति और भुगतान संतुलन में गड़बड़ी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. इस संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से ऋण लेने के साथ-साथ अपने मित्र देशों से भी मदद की भीख मांगी है.
IMF ने रखी ये शर्तें!
बता दें कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए समझौता किया है. इस कर्ज के साथ कई शर्तें भी जुड़ी हुई हैं, जिन्हें पाकिस्तान को पूरा करना होगा. यानी कुल मिलाकर इस संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान को कई कठिन निर्णय लेने होंगे. आईएमएफ की शर्तों को मानना और मित्र देशों से मदद लेना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा. आईएमएफ ने पाकिस्तान को कई कठोर शर्तें दी हैं, जिनमें खर्च में कटौती, करों में वृद्धि और सरकारी उपक्रमों का निजीकरण शामिल है.
मित्रों देशों से किया ये अनुरोध
बता दें कि पाकिस्तान ने चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अपने मित्र देशों से 27 अरब डॉलर के कर्ज को पुनर्गठित करने का अनुरोध किया है. साथ ही पाकिस्तान की तरफ से इन देशों से लिए गए कर्ज की अदायगी की शर्तों को बदलने का अनुरोध किया गया है, जैसे कि पुनर्भुगतान की अवधि बढ़ाना या ब्याज दरों में कमी करना. पाकिस्तान को यह सब इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम है, जिससे उसे आयात करने में मुश्किल हो रही है.