Pakistan Economy Condition: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है. पाकिस्तान की आम जनता के पास जीवन यापन के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं है. ऐसे में अब पाकिस्तान देश-देश कटोरा लेकर भीख मांग रहा है. आलम यह है कि अब तीसरी बार पाकिस्तान भीख का कटोरा लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास पहुंच गया है.
कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ 7 बिलियन डॉलर का नया कर्ज देने को राजी हो गया है. लेकिन कर्ज के साथ आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कुछ ऐसी शर्तें रखी है, जिससे उसकी मुश्किलें कम नहीं होंगी. क्योंकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा है कि इसके लिए देश की जनता को संक्रमणकालीन दर्द से गुजरना होगा. आइए जानते हैं क्या संक्रमणकालीन दर्द…?
जानिए क्या है संक्रमण कालीन दर्द
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने स्थानीय प्रसारक जियो न्यूज को बताया कि यह कर्ज लेने के बाद आईएमएफ की कड़ी शर्तें भी लागू करनी पड़ेंगी. इससे जनता को “संक्रमणकालीन पीड़ा होगी. यह संक्रमणकालीन दर्द आईएमएफ की शर्तों की वजह से जनता पर पड़ने वाला महंगाई का भारी-भरकम बोझ होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर हमें इसे अंतिम कार्यक्रम बनाना है, तो हमें संरचनात्मक सुधार करना होगा.” आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि वह लगभग 1 अरब डॉलर का “तत्काल संवितरण” जारी करेगा. आईएमएफ पाकिस्तान मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, “पिछले साल पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता की बहुत स्वागत योग्य वापसी देखी गई है.”
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा “अब पाकिस्तान के सामने चुनौती स्थिरता की इस नई भावना से आगे बढ़ने और मजबूत और निरंतर विकास की ओर बढ़ने की है, जिसके लाभ अधिक व्यापक और समान रूप से समाज में साझा किए जाएं.” बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि यह सौदा सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात के “जबरदस्त समर्थन” के कारण हुआ.
क्यों खराब हुई पाकिस्तान की स्थिति?
अब सवाल यह है कि आखिर पाकिस्तान की हालत क्यों ऐसी होती जा रही है कि वो कर्ज से निकल नहीं पा रहा है, तो इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को पनाह देना. पाकिस्तान में आंतकवादियों को पनाह देने के लिए खूब फंडिंग की जाती है. लेकिन आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की घेराई किए जाने के बाद उसको मिलने वाली आतंकी फंडिंग कम हो गई. जिसके चलते पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. आलम यह कि पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज है.
(इनपुट-एएफपी)