रंग लाई इमरान खान की गुहार; पाकिस्तान में हुए आम चुनाव की होगी जांच, अमेरिका संसद ने पारित किया प्रस्ताव

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan Election: पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव में धांधली को लेकर कई खबरें सामने आई थी. इस चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी दल पीटीआई के संस्थापक और पूर्व पीएम इमरान खान ने आरोप लगाए थे कि पाकिस्तान के चुनावों में घपला हुआ है. मतगणना के दौरान गड़बड़ी कर नवाज शरीफ की पार्टी को जिताया गया है. उस दौरान फौज के पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) के साथ मिलकर चुनावों मे धांधली कराने की बात भी सामने आई थी. इस बात जांच करने के लिए अब अमेरिका की संसद ने भी मोहर लगा दी है.

पक्ष में पड़ें 98 फीसदी वोट

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की संसद ने बुधवार को पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के समर्थन में एक प्रस्ताव पास किया और पाकिस्तान  में 2024 के हुए चुनावों में लगे धांधली के आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने का भी आह्वान किया. अमेरिकी सदन में प्रस्ताव के पक्ष में 98 फीसदी वोट पड़ें. इस प्रस्ताव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से लोकतंत्र, मानवाधिकारों और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ सहयोग करने भी का आग्रह किया गया है.

पाकिस्तान सरकार को संदेश

सदन में इस प्रस्ताव का टाइटल ‘Expressing support for democracy and human rights in Pakistan’ रखा गया था. जिसे जॉर्जिया के कांग्रेसी मैककॉर्मिक और मिशिगन के किल्डी ने पेश किया और 100 से ज्यादा सांसदों इसको स्पॉन्सर किया.

वहीं, प्रस्ताव के आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के साथ ही पाकिस्तान के लोगों के अधिकारों का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित करता है, क्योंकि वे इस वक्‍त आर्थिक अस्थिरता और सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे हैं. इस प्रस्ताव का सर्वसम्मति से पास होना, पाकिस्तान सरकार को एक साफ संदेश है कि अमेरिका लोकतंत्र, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए पाकिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.

पाकिस्तान सरकार ने दी प्रतिक्रिया

इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान के विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि ये प्रस्ताव देश की राजनीतिक स्थिति और चुनावी प्रक्रिया की अधूरी समझ से लाया गया है. हमारा मानना है कि इस खास प्रस्ताव का समय और संदर्भ हमारे द्विपक्षीय संबंधों की सकारात्मक गतिशीलता के साथ मेल नहीं खाता है.

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