Pakistan: जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को स्थगित चुनाव परिणामों पर निराशा व्यक्त की और कहा कि यदि 8 फरवरी को आम चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग किया गया होता, तो देश को इस मौजूदा संकट का सामना नहीं करना पड़ता.
राष्ट्रपति अल्वी ने जताई नाराज़गी
उन्होंने कहा की चुनाव आयोगों के बड़े बड़े दावों के बावजूद पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की नई चुनाव प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) विफल रही. विशेष रूप से, चुनाव नियामक ने मतदान बंद होने के लगभग बहत्तर(72) घंटे बाद भी अभी तक प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए प्रारंभिक परिणाम जारी नहीं किए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति अल्वी ने कहा, “अगर आज ईवीएम होती तो मेरा प्रिय पाकिस्तान इस संकट से बच जाता.”
पिछली सरकार द्वारा लड़ाई को किया याद
राष्ट्रपति अल्वी ने पिछली पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ईवीएम के लिए छेड़ी गई लड़ाई को याद करते हुए कहा कि पूरे प्रयास – जिसमें अकेले राष्ट्रपति पद पर 50 से अधिक बैठकें शामिल थीं – को छोड़ दिया गया था. उन्होंने कहा, “ईवीएम के लिए ‘हमारे’ लंबे संघर्ष को याद रखें. ईवीएम में कागज के मतपत्र होते थे जिन्हें हाथ से अलग से गिना जा सकता था (जैसा कि आज किया जा रहा है) लेकिन इसमें दबाए गए प्रत्येक वोट बटन का एक साधारण इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर/काउंटर भी था.” राष्ट्रपति ने कहा की यदि मशीनों का उपयोग किया जाता तो मतदान समाप्ति के पांच मिनट के भीतर प्रत्येक उम्मीदवार का टोटल उपलब्ध और प्रिंट हो जाता.
चुनाव परिणामों के बीच हुआ देश भर में प्रदर्शन
पाकिस्तान के चुनाव परिणामों के प्रकाशन में देरी की बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने वोट की पवित्रता की रक्षा के लिए रविवार को देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है क्योंकि स्वतंत्र उम्मीदवार 100 सीटों के साथ आगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद आया है और इसमें वोट की पवित्रता की रक्षा के लिए देश भर में ‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन’ करने की घोषणा की गई थी. 10 फरवरी को जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) ने सिंध के पीएस-22 निर्वाचन क्षेत्र में परिणामों में कथित धांधली और बदलाव को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जेयूआई-एफ नेता राशिद महमूद सूमरो ने कहा, “हमारे [जेयूआई-एफ के] उम्मीदवार को परिणामों में जानबूझकर बदलाव करके हरा दिया गया.”