भारत के साथ बिगड़े संबंधों को लेकर भावुक हुए नवाज शरीफ, बोले-‘अतीत को पीछे छोड़ एक अच्छे पड़ोसी की तरह…’

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India-Pakistan Relation: 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद पहुंचे थे. वहीं, इस सम्मेलन के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भारत प्रेम छलक उठा. 17 अक्तूबर, गुरुवार को नवाज शरीफ ने कहा कि भारत-पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए. इतना ही नहीं, नवाज शरीफ ने इस दौरान पीएम मोदी की भी सराहना की.

जयशंकर की यात्रा को बताया अच्छी शुरुआत

वहीं, एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को ‘अच्छी शुरुआत’ बताया और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्ष सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेंगे.

‘हम अतीत को दफना दें’

नवाज शरीफ ने आगे कहा कि हम दोनों देशों को अतीत में नहीं जाना चाहिए और भविष्य की ओर देखना चाहिए. बेहतर होगा कि हम अतीत को दफना दें ताकि हम दोनों देशों के बीच के अवसरों का इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने कहा हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते न ही पाकिस्तान और न ही भारत. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.

‘अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री SCO समिट में आए’

इंटरव्यू के दौरान नवाज शरीफ से मीडिया ने सवाल किया कि क्या दोनों देशों के बीच रिश्ते बनाने की जरूरत है? उनके इस सवाल का जवाब देते हुए नवाज शरीफ ने कहा, “मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं. हम चाहते थे कि SCO समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए. मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए.”

शरीफ ने की पीएम मोदी के लाहौर दौरे की सराहना

नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे की सराहना करते हुए कहा कि, जब प्रधानमंत्री मोदी ने काबुल से मुझे फोन किया और मुझे मेरे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं तो मैंने कहा कि उनका बहुत स्वागत है. वह आए और मेरी मां से मिले. ये कोई छोटी चीज नहीं है, इनका हमारे लिए, खास तौर पर हमारे देशों के लिए कुछ मतलब है. हमें उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. शरीफ ने आगे कहा कि मैं रिश्तों में आई रुकावट से खुश नहीं हूं. मैं पाकिस्तान के उन लोगों की ओर से बोल सकता हूं जो भारत के लोगों के लिए सहानुभूति रखते हैं और मैं यही बात भारत के लोगों के लिए भी कहूंगा.

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