Pakistan News: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में मंहगाई चरम पर है. मंहगाई के चलते लोगों को भरपेट शुद्ध भोजन तक नहीं नसीब हो पा रहा है. कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान पर कर्ज का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कर्जों को लेकर एक नया डेटा जारी किया है.
दरअसल, पाकिस्तान कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से कर्ज लिया हुआ है. पाक पर सबसे अधिक कर्ज चीन का है. इसके बाद सऊदी अरब का नंबर आता है. नए डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान पर ताजा वित्तीय वर्ष में 26.2 बिलियन डॉलर का कर्ज है. आलम यह है कि अब पाकिस्तान के पास ब्याज चुकाने को भी पैसे नहीं बचे हैं.
पाकिस्तान को कर्ज देने को कोई तैयार नहीं
पाकिस्तान इस वक्त कंगाली की दहलीज पर खड़ा है. हालात इतने बुरे हैं कि चीन को छोड़कर कोई भी देश पाकिस्तान को नया कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है. अब पाकिस्तान सरकार घूम-घूमकर कर्ज देने वाले देशों से चुकाने की मियाद बढ़ाने का अनुरोध कर रही है. पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बहुत कठोर शर्तों पर नए कर्ज लिए हैं. इन शर्तों का असर पाकिस्तान की गरीब अवाम पर पड़ रहा है, जो अपने हुक्मरानों के कारस्तानियों की कीमत चुका रही है.
पाकिस्तान पर 26.2 बिलियन डॉलर का बकाया
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर जमील अहमद ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए पाकिस्तान का कुल बकाया कर्ज 26.2 बिलियन डॉलर है. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान को अपने मित्र देशों से कर्ज में कुछ राहत भी मिली है, जिससे वह अपने बाहरी कर्जों की किश्तों को अधिक प्रभावी ढंग से चुकाने की कोशिश कर रहा है. नेशनल असेंबली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि ये मित्र देश 16 बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज को चुकाने की सीमा को आगे बढ़ाएंगे. इससे पाकिस्तान के पास अगले वित्त वर्ष (30 जून, 2025) के अंत तक चुकाने के लिए केवल 10 बिलियन डॉलर रह जाएंगे.