Pakistan News: मानवाधिकार फोकस पाकिस्तान ने झूठे ईशनिंदा के आरोपों के बाद सरगोधा में एक ईसाई परिवार पर हिंसक भीड़ के हमले की कड़ी निंदा की है. एक छोटी जूता फैक्ट्री के मालिक और उनके बेटे पर कुरान के पन्नों का अपमान करने का आरोप लगाया गया था, जिस के बाद भीड़ ने उन पर हमला किया था. एचआरएफपी ने मामले की निंदा कर कहा, इन नियमों में बदलाव होना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
मजाहिद कॉलोनी में शनिवार को एक छोटी जूता फैक्ट्री के मालिक नजीर मसीह और उनके बेटे सुल्तान मसीह पर कुरान के पन्नों का अपमान करने साथ ही कुरान के पन्नों को अपने कारखाने के सामने फेंकने का आरोप लगाया गया. इन आरोपों से कई व्यक्तियों, मौलवियों और इस्लामी छात्रों को उकसाने का काम किया. मसीह परिवार पर गुस्साए लोगों ने हमला बोल दिया. इसके साथ ही उनके व्यवसाय और घर में तोड़फोड़ कर दी.
पीड़ितों के मूाबिक, कुरान के पन्ने जानबूझकर उनके कारखाने के सामने बिखेरे गए थे. आरोप लगाने वालों ने हमला करने के लिए तेजी से भीड़ जुटाई. भीड़ के हमले से नज़ीर मसीह, सुल्तान मसीह और उनके परिवार गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन वहां पर भी भीड़ ने वाहन पर हमला कर दिया. यही नहीं उनका आरोप है कि उन्हें मारने का प्रयास किया गया.
हालांकि एंबुलेंस वहां से बचकर निकल गई. वहीं एचआरएफपी ने कहा कि “एचआरएफपी की तथ्यान्वेषी टीम आपातकालीन रिपोर्टिंग और सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. उन्होंने बताया, ईसाइयों के खिलाफ झूठे ईशनिंदा के आरोप लगाने की ऐसी ही घटनाएं सरगोधा में बार-बार होती हैं.” एचआरएफपी ने आगे कहा, हम मसीह परिवार के लिए सुरक्षा और न्याय की मांग करते है. एचआरएफपी की टीम ने घटना के बारे में घटनास्थल से जानकारी ली, सबूत इकट्ठा किए हैं,
पुलिस स्टेशन का दौरा किया है. साथ ही अस्पताल और चल रही सहायता में शामिल व्यक्तियों से बातचीत की. एचआरएफपी के अध्यक्ष नवीद वाल्टर (Navid Walter) ने ईशनिंदा के आरोपों के बाद तत्काल भीड़ की हिंसा के पैटर्न की आलोचना की. वाल्टर ने सवाल उठाया कि अगर कोई वास्तविक अपराध होता है तो शुरू में पुलिस को क्यों नहीं बुलाया जाता है? वाल्टर ने कहा, भीड़ अक्सर हिंसा फैलाने के लिए पुलिस और एम्बुलेंस का पीछा करती है, जैसा कि इस मामले में देखा गया है.
वाल्टर ने ईशनिंदा कानून में बदलाव की मांग
नवीद वाल्टर ने ईशनिंदा कानूनों को बदलने की बात कही. उन्होंने सभी ईशनिंदा पीड़ितों और उनके परिवारों को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा, नजीर और सुल्तान मसीह जैसे लोग भी इसमें शामिल हैं, जिन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. वहीं HRFP ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए नीति में बदलाव और सुरक्षात्मक उपायों के कार्यान्वयन का आह्वान करते हुए इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की मांग की.
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