Pakistan: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तैयार हो गया है. हालांकि इसके लिए उसने कर संग्रह बढ़ाने की शर्त रखी है. नागरिको पर टैक्स बढाने के शर्त के साथ पाकिस्तान को तीन साल के लिए सात अरब डॉलर का ऋण देने को मंजूरी दी है.
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के अनुसार देश में आर्थिक स्थिरता बनाने के लिए स्टैंड बॉय अरेंजमेंट 2023 के तहत आईएमएफ और पाकिस्तान के अधिकारियों में समझौते पर सहमति बनी. इस समझौते को लेकर IMF के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के नेतृत्व में आईएमएफ टीम ने 13 से 23 मई तक इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत की थी.
कार्यक्रम का उद्देश्य पाकिस्तान का लचीला विकास
अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने और नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का समावेशी और लचीला विकास करना है. इसमें देश की कर प्रक्रिया को मजबूत करने, राजकोषीय और मौद्रिक नीति में सुधार करने, देश के उद्यमों के प्रबंधन में सुधार, प्रतिस्पर्धा, निवेश प्रोत्साहन और पूंजीगत वृद्धि के साथ सामाजिक सुरक्षा सहित बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम को बढ़ावा देना शामिल है.
आईएमएफ ने रखी ये शर्ते
इस बार आईएमएफ ने ऋण को लेकर कई शर्तें रखी है. जिसमें पाकिस्तान वित्तीय वर्ष 2025 में कर राजस्व बढ़ाने के साथ ही राजस्व संग्रह को निष्पक्ष और सरल बनाएगा. इसके अलावा पाकिस्तान को अपने खर्च को भी संतुलित करना होगा. जबकि टैक्स संग्रह बढ़ाने के लिए पाकिस्तान सर्विस सेल्स टैक्स और एग्रीकल्चर इनकम टैक्स जैसे उपाय करेगा. अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत मुद्रास्फीति कम करने, निजी क्षेत्र के विकास और आर्थिक दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की जाएगी.
1.1 अरब डॉलर मिल चुके
बता दें कि इस साल के शुरुआत में आईएमएफ ने पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की मदद के तहत 1.1 अरब डॉलर की अंतिम किस्त जारी की थी. इस दौरान पाकिस्तान के वित्त मंत्री औरंगजेब ने कहा कि सरकार ने अब अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नया ऋण लेने की योजना बनाई है.
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