पाकिस्तान में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच खूनी संघर्ष, जानिए क्या था विवाद?

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan News: पाकिस्तान से हिंसा की खबर सामने आ रही है. यहां पर जमीन के एक टुकड़े को लेकर दो कबीलों के बीच का विवाद अब खूनी संघर्ष में बदल गया है. जानकारी के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में करीब एक हफ्ते से इस जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसने आज खूनी रूप ले लिया. इस खूनी संघर्ष में अबतक करीब 49 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. वहीं, 180 लोग घायल भी हैं.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, द न्यूज में छपी एक खबर के अनुसार इस संघर्ष की शुरुआत बोशेरा से हुई. इसके बाद पीवर, टांगी, बलिशखेल, खार किल्ले, मकबल, कुंज अलीजई और पारा चमकानी इलाके में भी इसकी आग फैलने लगी. बीते बुधवार को इस जमीन को लेकर एक शख्स ने गोली चलाई जिसके बाद यह संघर्ष भीषण होता गया.

शिया और सुन्नी कबीले के बीच संघर्ष

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे आदिवासी क्षेत्र अपर कुर्रम में सुन्नी और शिया कबीलों के बीच यह संघर्ष चल रहा है. दोनों कबीलों की ओर से गोली चलाई गई और मोर्टार तक दागे गए. इस संघर्ष में अब तक 49 लोगों ने अपनी जान गवाईं है और 180 से अधिक लोग घायल हैं.

हालांकि, आज बताया गया कि सुन्नी और शिया कबीलों के बीच जारी यह संघर्ष कुछ क्षेत्रों में खत्म हो गया है, लेकिन कुछ इलाकों में तनातनी बनी हुई है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

कितनी जमीन के लिए आमने-सामने आए शिया और सुन्नी

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि करीब 30 एकड़ जमीन की वजह से पाकिस्तान के शिया और सुन्नी कबीलों के बीच हुए इस विवाद नें खूनी संघर्ष का रूप ले लिया. कहा जा रहा है कि इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर कुर्रम जिले के बुशेहरा गांव के दो कबीले गुलाब मिल्ली खेल (शिया समुदाय) और मदगी कले (सुन्नी समुदाय) कई सालों से विवादों में है. इस क्षेत्र में अक्सर जमीन विवाद के कारण तनाव का माहौल रहता है.

कुछ दिनों पहले कराया गया था समझौता

इस जमीनी विवाद और दोनों समुदायों के बीच के संघर्ष को लेकर कुर्रम जिले के डिप्टी कमिश्नर जावेदउल्लाह महसूद ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिरगा के सदस्यों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर कुर्रम में दोनों कबीलों के साथ बातचीत की और उन्हें संघर्ष विराम के लिए राजी कर लिया. वे बोशेरा क्षेत्र में संघर्ष विराम कराने में सफल रहे और बालिशखेल और खार कल्ले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है.

करीब एक दशक पुराना है विवाद

पिछले साल हुए समझौते में तय किया गया था कि राजस्व विभाग के दस्तावेजों के आधार पर इस जमीनी विवाद का निपटारा किया जाएगा, जिसे दोनों पक्षों को मानना होगा. कबायली परिषद (जिरगा) के सदस्यों ने दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया कि विवादित जमीन गुलाब मिल्ली खेल (शिया समुदाय) कबीले की है.

हालांकि इस जमीन का सीधा स्वामित्व इस कबीले को नहीं दिया गया बल्कि तय किया गया कि एक तीसरा पक्ष इस जमीन का इस्तेमाल करेगा और इसके एवज में एक तय रकम गुलाब मिल्ली खेल कबीले को देगा. इसके अलावा समझौते में यह भी कहा गया कि एक साल बाद गुलाब मिल्ली खेल कबीले को तय करना होगा कि वह जमीन को दोबारा ठेके में देना चाहता है या फिर इसका इस्तेमाल खुद करेगा.

शिया और सुन्नी आबादी पाकिस्तान में कितनी है?

2009 की pew रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में शिया कुल आबादी का करीब 15 फीसदी है. वहीं, करीब 96 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इस मुल्क में करीब 80 फीसदी सुन्नी आबादी है. पाकिस्तान में कई मौकों पर शिया और सुन्नी समुदाय के बीच तनाव देखने को मिलता है. अगर मानवाधिकार संगठनों की मानें तो 2001 से अब तक पाकिस्तान में कई हमलों और टारगेट किलिंग में 2500 से ज्यादा शिया मारे जा चुके हैं.

द प्रिंटलाइंस-

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