Pakistan News: कंगाल पाकिस्तान ने फिर फैलाया हाथ, IMF ने दिया 7 बिलियन डॉलर का कर्ज; रखी ये शर्त

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan News: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सात अरब डॉलर का क़र्ज़ जारी करने की मंजूरी दे दी है. इसकी जानकारी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने दी है. इससे पाकिस्तान को मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में राहत मिल सकती है. पाकिस्तान के पीएम नजाव शरीफ ने इस ऋण पैकेज के लिए आईएमएफ टीम को धन्यवाद दिया है.

पहली किस्त में दी जाएगी इतनी राशि

इस लोन पैकेज की शर्तें इतनी सख्त हैं कि लागू होने पर जनता का तेल निकलना तय माना जा रहा है, जैसे कि कृषि पर 45 प्रतिशत इनकम टैक्स और बिजली के दामों में तगड़ी बढ़ोतरी, ज्यादा टैक्स कलेक्शन. हालांकि, माना जा रहा है कि 7 बिलियन डॉलर (लगभग 58,800 करोड़ रुपये) के इस पैकेज ने तंगहाल पाकिस्तान को कुछ राहत तो मिलेगी, मगर यह उसकी ‘बीमारी का इलाज’ नहीं है. फिलहाल इस ऋण पैकेज के तहत पहली किस्त में लगभग 1.1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹9,240 करोड़) की राशि तुरंत जारी की जाएगी.

पाकिस्तान के सामने होगी ये शर्त

दरअसल, IMF के बोर्ड की बैठक बुधवार को वॉशिंगटन में हुई, जिसमें पाकिस्तान के साथ किए गए समझौते को हरी झंडी दी गई. इस समझौते के तहत पाकिस्तान ने कृषि आयकर में सुधार, कुछ वित्तीय जिम्मेदारियों को प्रांतों में स्थानांतरित करने और सब्सिडियों को सीमित करने का वादा किया था. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान को आईएमएफ ऋण पर करीब पांच प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान करेगा.

पीएमओ ने की पुष्टि

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 37 महीने की अवधि के लिए 7 बिलियन डॉलर का एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) पैकेज मंजूर किया है. यह 1958 से लेकर अब तक पाकिस्तान का 25वां IMF कार्यक्रम है और छठा EFF है. इस IMF कर्ज पर पाकिस्तान को लगभग 5% ब्याज दर का भुगतान करना होगा. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर दावा किया कि यह पाकिस्तान का अंतिम IMF कार्यक्रम होगा, हालांकि उन्होंने ऐसा ही दावा 2023 के 24वें कार्यक्रम के दौरान भी किया था.

शहबाज ने इस नए पैकेज का श्रेय उप-प्रधानमंत्री इशाक डार, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और वित्त टीम को दिया. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को पूरा करने के लिए सभी चार प्रांतों का सहयोग जरूरी है.

 

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