Nuclear Weapons: पाकिस्तान में भारतीय सेना के हमले का डर, बदला न्यूक्लियर अलर्ट

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan Nuclear Weapons India:  पीओके को लेकर भारत के मोदी सरकार के आक्रामक रुख के बीच पाकिस्‍तान की सेना में खौफ साफतौर पर नजर आ रहा है. पाकिस्‍तान के इस डर का खुलासा उसके सैटलाइट तस्‍वीरों से भी हो गया है. दरअसल, पाकिस्‍तान अब अपने परमाणु अलर्ट के स्‍तर में बदलाव कर अब पहाड़ों के अंदर साइलों का निर्माण कर रहा है, जिससे यदि भारत की तरफ से हमला किया जाता है तो उसके परमाणु बम बचे रहें और तेजी से पलटवार किया जा सके.

नो फर्स्‍ट यूज’ की नीति का पालन नहीं करता पाकिस्‍तान

इसके अलावा, अगर पाकिस्‍तान की ओर से पहले परमाणु हमला किया जाता है, तो उसकी गोपनीयता बनी रहे. बता दें कि हाल ही में पाकिस्‍तान ने यह बयान दिया था कि वो परमाणु बम को लेकर ‘नो फर्स्‍ट यूज’ की नीति का पालन नहीं करता है. बता दें कि नो फर्स्‍ट यूज नीति  का मतलब किसी भी युद्ध के दौरान पहले परमाणु अस्‍त्रों का इस्तेमाल न किया जाना है, जिसका भारत पालन करता है.

Pakistan ने बदला युद्ध का डिजाइन

भारतीय सेना के पूर्व कर्नल और सैटलाइट तस्‍वीरों के चर्चित एक्‍सपर्ट विनायक भट्ट ने बताया कि पाकिस्‍तान इसलिए साइलो बना रहा है, जिससे की परमाणु वारहेड फिर चाहे वे मिसाइलों से अलग ही क्‍यों नहीं हो, उसे सेंसर के माध्‍यम से भी पता न लागया जा सके. उन्‍होंने बताया कि  इन नए साइलो को भूमिगत लॉन्‍च सुविधा केंद्र नाम दिया गया है जो यह दिखाता है कि पाकिस्‍तान के स्‍ट्रैटेजिक प्‍लांस डिविजन ने अपना परमाणु रुख और युद्ध का डिजाइन बदल दिया है. इसके तहत न्‍यूक्लियर फर्स्‍ट यूज स्‍ट्रेटजी में लंबी दूरी की मिसाइलों को  शामिल किया गया है.

पाकिस्‍तान के परमाणु ठिकानों में बड़ी तैयारी

भट्ट ने बताया कि पाकिस्‍तान की कोशिश किसी तरह से भारतीय सेना के किसी हमले की सूरत में पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों को बचाया जाना है. बता दें कि पाकिस्‍तान के पास 170 से ज्‍यादा परमाणु बम है. इसके अलावा जमीन से हमला करने के लिए अब्‍दाली, नस्र, गजनवी, शाहीन, गौरी, अबाबील, बाबर जैसी मिसाइलें भी पाकिस्तान के पास हैं. बता दें कि शाहीन 3 मिसाइल की रेंज 2750 किलोमीटर तक है, जो काफी खतरनाक मानी जाती है, इस मिसाइल में भारत के किसी  भी  इलाके तक हमला करने की क्षमता है. जबकि मिराज जेट की 2,100 किलोमीटर तक की क्षमता है.

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