Pakistan: पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत दशकों से हिंसा के चपेट में रहा है, लेकिन हाल में यहां विद्रोह की आवाज एक फिर बुलंद हुई है. वहीं पाकिस्तान इस आवाज को दबाने के लिए दमनकारी रवैये पर उतारू है. इसी बीच बलूचिस्तान के शिक्षा मंत्रालय की ओर से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके अनुसार, इस प्रांत में 3700 के करीब स्कूल बंद कर दिए गए है.
शिक्षा मंत्रालय ने किया खुलासा
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक, बलूचिस्तान के 35 जिलों में अब तक 3694 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी में नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से 542 स्कूलों को बंद किया गया है. लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2 सितंबर तक प्रांत में कुल 3694 स्कूल बंद हो चुके हैं. स्कूल बंद होने का कारण शिक्षकों की भारी कमी है.
बलूचिस्तान में 16 हज़ार शिक्षकों की कमी
दरअसल बलूचिस्तान असेंबली के एक सदस्य ने शिक्षा मंत्रालय से इस मामले में लिखित में जवाब मांगा था, हालांकि इस सदस्य की गैर-मौजूदगी के वजह से शिक्षा विभाग का जवाब विधानसभा में पेश नहीं किया जा सका. अब अगली बैठक में यह जवाब असेंबली में पेश होगा. यहां के शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फिलहाल पूरे प्रांत में 15096 सरकारी स्कूल हैं और शिक्षकों की संख्या 48,841 है. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, बंद हुए स्कूलों को दोबारा शुरू करने के लिए प्रांत में कुल 16000 शिक्षकों की आवश्यकता है.
12 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 तक प्रांत में 12 लाख बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ा, यह आंकड़ा राज्य के कुछ स्टूडेंट्स को 70 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है. साल 2021 तक स्कूलों में 7000 शिक्षकों की कमी थी, जो अब बढ़कर 16000 हो गई है. इसी तरह बंद होने वाले स्कूलों और शिक्षा से वंचित स्टूडेंट्स की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन पाकिस्तान की संघीय सरकार इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही. वैसे तो बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे अधिक प्राकृतिक संपदा से भरा हुई राज्य है, लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरानों की नजरअंदाजी और उपेक्षा के वजह से इसका विकास नहीं हो पा रहा है.
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