खुलासा, IMF के भरोसे पाकिस्तान, चार दशक में 360 करोड़ डॉलर तो सिर्फ ब्याज का किया भुगतान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan: कैश क्रंच, महंगाई, भ्रष्‍टाचार, और संसाधनों की कमी के वजह से पाकिस्‍तान भयंकर त्रासदी से जूझ रहा है. पाकिस्तान ने पिछले चार दशक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को कर्ज पर 3.6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का ब्याज दिया है. गुरुवार को संसद भवन में सांसद सैफुल्लाह अब्रो की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर सीनेट की स्थायी समिति की बैठक में इसका खुलासा हुआ.

बैठक में वित्त मंत्रालय ने आईएमएफ को अब तक दिए गए ऋणों तथा पुनर्भुगतानों का ब्‍योरा प्रस्‍तुत किया. समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, वित्त मंत्रालय और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अधिकारियों ने बैठक में चौकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आईएमएफ को लोन पर 3.6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक ब्याज का भुगतान किया है.

 तीन दशक में 29 अरब डॉलर उधार

बैठक में प्रस्तुत दस्तावेजों के मुताबिक, ब्याज के तौर पर दी गई राशि पाकिस्तानी मुद्रा में 1 हजार अरब रुपये से अधिक है. इसके साथ ही ये भी पता चला कि पिछले 30 साल में पाकिस्तान ने आईएमएफ से लगभग 29 अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज लिया और इसी अवधि में 21.72 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि की भुगतान की. दस्तावेजों के मुताबिक, पिछले चार साल में ही पाकिस्तान ने आईएमएफ से 6.26 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कर्ज लिया और 4.52 अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया. इसके अलावा पिछले चार साल में पाकिस्तान ने आईएमएफ को 1.10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक ब्याज दिया.

एसडीआर में 1.35 अरब डॉलर लिये उधार

पाकिस्तान ने 2024 में IMF से विशेष आहरण अधिकार (SDR) में 1.35 अरब अमरीकी डॉलर कर्ज लिए और एसडीआर में 64.669 करोड़ अमरीकी डॉलर का पेमेंट किया. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कमेटी को यह भी बताया कि पाकिस्तान ने 1984 से आईएमएफ से 19.55 अरब अरब अमेरिकी डॉलर के SDR (25.94 अरब अमेरिकी डॉलर) कर्ज लिए और 14.71 अरब अमेरिकी डॉलर एसडीआर (19.51 अरब अमेरिकी डॉलर) चुकाए, जिसमें 2.44 अरब अमेरिकी डॉलर एसडीआर (3.23 अरब अमेरिकी डॉलर) के ब्याज का भुगतान किया गया.

बता दें कि एसडीआर आईएमएफ द्वारा बनाया गया एक अंतरराष्ट्रीय आरक्षित परिसंपत्ति है. इनका उपयोग सदस्य देशों के आधिकारिक भंडार को पूरक बनाने के लिए होता है और जरूरत पड़ने पर सरकारों के बीच इनका आदान-प्रदान स्वतंत्र रूप से उपयोग योग्य मुद्राओं के लिए हो सकता है. एसडीआर का मूल्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं पर आधारित होता है.

3 साल में मिलेगा 7 अरब डॉलर का लोन

समिति के अध्‍यक्ष ने कहा कि देश अपने आप बर्बाद नहीं हो रहा है, बल्कि हम सब इसके बर्बादी में हिस्‍सेदार है. समाचार पत्र की खबर से पता चला कि कमेटी ने बाद में आईएमएफ के साथ प्रत्येक कार्यक्रम का विवरण मांगा. कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम में क्या हुआ है, इसकी जानकारी समिति को दी जानी चाहिए. यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब पाकिस्तान को आईएमएफ से तीन साल में करीब 7 अरब डॉलर का एक और लोन मिलने वाला है.

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