Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे को उछाला है. पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का भी जिक्र किया. साथ ही शरीफ ने भारत पर ‘‘बड़े पैमाने पर सैन्य क्षमता का विस्तार’’ करने, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया. शरीफ ने कहा कि भारत अपनी सैन्य ताकत लगातार आगे बढ़ रहा है.
भारत को वापस लेना चाहिए 370
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान के पीएम कश्मीर के मुद्दे पर घबराते नजर आएं. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत को 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए. उन्होंने भारत पर अपनी मुस्लिम आबादी को अधीन करने और इस्लामी विरासत को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
फलस्तीन से की जम्मू-कश्मीर की तुलना
यही नहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने यूएन में जम्मू-कश्मीर की तुलना फलस्तीन से कर दी. शरीफ ने कहा कि फलस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू-कश्मीर के लोगों का भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्ष जारी है. उन्होंने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए ‘‘ भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों तथा कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी.’’
कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा पाकिस्तान…
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘और भी चिंताजनक बात यह है कि वह अपनी सैन्य क्षमताओं के बड़े पैमाने पर विस्तार करने में लगा हुआ है जो अनिवार्य रूप से पाकिस्तान के खिलाफ है.’’ शरीफ ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रमण का निर्णायक जवाब देगा.’’ शहबाज शरीफ ने गाजा, यूक्रेन और अफगानिस्तान के हालात का भी उल्लेख किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ‘गाजा में इजरायल के नरसंहार युद्ध’, यूक्रेन में एक खतरनाक संघर्ष, अफ्रीका और एशिया में विनाशकारी संघर्ष, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, आतंकवाद का फिर से उभरना, तेजी से बढ़ती गरीबी, गंभीर कर्ज और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया. साथ ही शरीफ ने कहा, ‘‘आज, हम विश्व व्यवस्था के लिहाज से सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.’’
ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने करीब 20 मिनट भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में दावा किया कि शांति की ओर बढ़ने के बजाय, भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कही गई है.’’
(भाषा)